मेरठ (ब्यूरो)। विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर श्री वेंक्टेश्वरा यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज ने खाद्य सुरक्षा के लिए मृदा में जैविक कार्बन बढ़ाने के विषय पर सेमिनार हुई। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों के कृषि वैज्ञानिकों ने पार्टिसिपेट किया।
जैविक खेती की ओर लौटे
सेमिनार का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ। राजीव त्यागी मुख्य अतिथि प्रो। (डॉ.) यशवीर सिंह, कुलपति प्रो। (डॉ.) कृष्ण कान्त दवे, डीन एग्रीकल्चर डॉ। टीपी सिंह आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे विश्व के पहले पांच कृषि वैज्ञानिकों में शुमार इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च संस्थान पूसा के प्रधान वैज्ञानिक प्रो। (डॉ.) यशवीर सिंह 'शिवायÓ ने कहा हमारी सेहत सीधे तौर पर मिट्टी की सेहत से जुड़ी है। आज अंधाधुंध रसायनों एवं कृत्रिम खाद के बेतहाशा प्रयोग से यदि हम तेजी से 'बंजरÓ होती भूमि को बचाने के साथ-साथ खाद्य पदार्थों में बढ़ते रसायनों एवं कीटनाशकों से होने वाली कैंसर, अल्सर समेत सैकड़ों बीमाारियों से अपने आप को बचाना चाहते है तो हमे फिर से 'जैविक खेतीÓ की ओर लौटना होगा।
सूखे पत्तों को खाद बनाएं
उन्होंने कहाकि मोटे अनाज एवं रसायन विहीन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शुमार करना होगा। फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृत्रिम रासायनिक खादों के बजाय, गोबर, गोमूत्र, गुड़, सूखे पत्तों को खाद के तौर पर उपयोग में लाना होगा। इस अवसर पर एग्रीकल्चर के छात्र-छात्राओं ने ऑर्गेनिक मोटे अनाज एवं खाद्य पदार्थों के विभिन्न स्टाल लगाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। मुख्य अतिथि ने संस्थान प्रबंधन के साथ मिलकर विजेता छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।