मेरठ (ब्यूरो)। आवास विकास और एमडीए विभाग की लापरवाही के चलते शहर में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो गए हैं। हालत यह है कि आवास विकास परिषद द्वारा तीन हजार अवैध निर्माण की सूची प्राधिकरण को सौंपे हुए दो माह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक एक भी अवैध निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हो सकी है। हालांकि एमडीए ने अपने दायरे में आने वाले अवैध निर्माणों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं आवास विकास अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के बजाए केवल नोटिस देने तक सीमित है।
सूची तैयार, कार्रवाई कब
लगातार बढ़ रहे अवैध निर्माणों को लेकर प्रशासन और शासन तक शिकायतों के बाद आवास विकास परिषद की ओर से एमडीएको अवैध निर्माणों की सूची भेजी गई थी। इस सूची मेंकरीब तीन हजार अवैध निर्माणों को चिन्हित किया गया था। सूची में शास्त्री नगर, जागृति विहार, माधवपुरम आदि क्षेत्र में 2973 अवैध निर्माण शामिल हैं। इनमें रिहायशी क्षेत्र में अवैध अस्पताल, शोरूम, रेस्टोरेंट्स व्यवसायिक गतिविधियां और दुकानें शामिल हैं। लेकिन आवास विकास ने महज सूची भेजकर अपनी खानापूर्ति कर दी है और सीलिंग का अधिकार न होने का बहाना बनाकर कार्रवाई से बचे हुए हैं। जहां आवास विकास को कार्रवाई नहीं करनी होती वहां एमडीए के पाले में गेंद फेंक दी जाती है।
नोटिस तक सीमित कार्रवाई
आवास विकास की ओर से अवैध निर्माण पर कार्रवाई केवल नोटिस तक सीमित है। स्थिति यह है कि आवास विकास के शास्त्रीनगर स्थित मुख्य कार्यालय से 500 मीटर की दूरी पर ही एफ ब्लॉक में कुटी के पास डिलीशियस बेकरी, मधु नर्सिंग होम के बराबर में अवैध कॉम्प्लेक्स, सेक्टर 2 में हरिया लस्सी के सामने अवैध कॉम्पलैक्स, डी ब्लॉक पुलिस चौकी के सामने अवैध भवन, शास्त्रीनगर मेन मार्केट में अवैध कॉॅम्पलेक्स समेत दर्जनों बड़े अवैध निर्माण तेजी से चल रहे हैं। इसके अलावा आवास विकास चौराहे पर अवैध रेस्टोरेंट बॉक्सी और केसर एमडीए की सीलिंग की कार्रवाई और एफआईआर के बाद भी चल रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन ने निगरानी का जिम्मा आवास विकास को दिया है।
आवास विकास परिषद ने अवैध निर्माण का विस्तृत ब्योरा एमडीए को उपलब्ध करा दिया है। कई भवनों को चिन्हित कर ध्वस्तीकरण सूची की मांग की गई है। लेकिन पुलिस फोर्स की उपलब्धता नहीं होने के कारण कार्रवाई नहीं हो रही है।
राजीव कुमार, एसई, आवास विकास परिषद