मेरठ ( ब्यूरो)। कैंट में शुद्ध पानी की व्यवस्था के लिए 21 वाटर एटीएम संचालित किए गए थे। इनमें शुरू में तो एक रुपये के सिक्के डालकर एक लीटर आरओ का पानी मिल जाता था। इनमें से एक साल तक को इनका संचालन सही तरीके से हुआ, इसके बाद ये बेकार हो गए। अब गर्मी के दिन आने वाले हैं बावजूद इसके, वाटर एटीएम काफी समय से खराब है। कैंट की सड़कों और मोहल्लों में वाटर एटीएम महज शोपीस बने हुए हैं, उसमें पानी की एक बूंद तक नहीं है।
कैंट में 21 वाटर एटीएम
कैंट क्षेत्र में कुल 21 वाटर एटीएम संचालित किए गए थे। इनमें एक वॉटर एटीएम की कीमत 4 लाख 38 हजार रुपए है। इसके डेकोरेशन में एक लाख रुपये खर्च हुए थे.21 एटीएम लगाने में एक करोड़ 10 लाख रुपये का खर्च हुआ था। इतना खर्च करने के बाद भी दो साल भी सही से वाटर एटीएम नहीं चला। मेरठ कैंट स्मार्ट कैंट के स्लोगन आपको मेरठ छावनी में लिखे मिल जाएंगे, लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है।यहां जनता की प्यास बुझाने के लिए लगाए गए वाटर एटीएम खुद ही पानी को मोहताज हैं। 21 स्थानों पर लगे वाटर एटीएम में एक बूंद भी पानी नहीं है।
दो साल भी नहीं चल पाए
तकरीबन एक करोड़ रुपए खर्च करके 21 वाटर एटीएम दो साल भी नहीं चल सके। एक साल तक तो वाटर एटीएम सही चले, इसके बाद ये बेकार हो गए। अब हालत यह है कि यह वाटर एटीएम किसी काम के नहीं है।
2017 में लगे थे वाटर एटीएम
गौरतलब है कि कैंट में नवंबर 2017 में 21 वॉटर एटीएम संचालित किए गए थे। तत्कालीन सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने दावा किया था कि लोगों को कैंट को एक रुपए में शुद्ध पानी मिलेगा। एक साल तक जब तक वाटर एटीएम की वारंटी थी तब तक सारे एटीएम चलते रहे। बीच- बीच में कुछ वाटर एटीएम का मेंटीनेंस किया गया तो चले। लेकिन अब तो अधिकतर ही खराब है।
स्लोगन व नारों पर सिमट गई योजना
तख्तियों पर लिखे कुछ नारों में ही मेरठ कैंट स्मार्ट है। हकीकत एकदम उलट है। सड़कें गड्ढों से छलनी हैं। सवा करोड़ रुपए खर्च कर बनाई गई वाटर एटीएम की स्मार्ट व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। कैंट बोर्ड ने स्मार्ट बनने की दौड़ में शामिल होने के लिए ही 2017 और 2018 में करीब एक करोड़ की कीमत से 21 जगह वाटर एटीएम लगाए थे।आठ वार्डों में इनकी लोकेशन सप्लाई डिपो रोड चौराहा, लालकुर्ती थाने के पास, बेगमपुल, लालकुर्ती घोसीमोहल्ला, सदर शिवचौक, दास मोटर्स के सामने, गांधी बाग, रजबन, बाबा औघड़नाथ मंदिर के पास तय की गई। तब इन वाटर एटीएम को ऑनलाइन भी किया गया।यानी आप गूगल पर कैंट के नजदीकी वाटर एटीएम को सर्च करें तो जीपीएस आपको वहीं ले जाएगा। लेकिन अब यहां पानी भी नहीं है।
सिक्के गिनने के लिए लगाया था स्टाफ
कैंट 21 स्थानों पर लगे वाटर एटीएम से प्रतिदिन 24 घंटे में लगभग 20 हजार लीटर ठंडा पानी बिकता था। पानी की कीमत एक रुपए लीटर रखी गई थी।तब एटीएम से सिक्के निकालने के लिए कैंट बोर्ड की गाड़ी घूमती थी।सिक्कों को गिनने के लिए कैंट बोर्ड में सिक्के गिनने के लिए अलग से कर्मचारी लगाए गए थे।इन वाटर एटीएम से आसपास के लोग कैंपर में ठंडा पानी लेकर जाते थे।कैंट बोर्ड की इस पहल को सभी ने सराहा था।
वाटर एटीएम पर डायल 112 का प्रचार
वाटर एटीएम जन जागरूकता के लिए पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, प्राकृतिक आपदा की सूचना देने के लिए डायल 112 का प्रचार किया जा रहा है।
सिक्के और स्मार्ट कार्ड
वाटर एटीएम से पानी लेने के लिए लोगों को एक रुपए के सिक्के और स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करना होता था। स्मार्ट कार्ड का रिचार्ज कैंट बोर्ड ऑफिस में होता था। अब यह पूरी व्यवस्था ठप है।
दरअसल, बोर्ड के पास बजट नहीं है। इसलिए कोई संस्था संचालन के लिए आगे नहीं आ रही है। इस कारण वाटर एटीएम बंद हो गए थे। कई बार सामाजिक संस्थाओं को जिम्मेदारी देने का प्रयास किया गया है। लेकिन कोई संस्था आगे ही नहीं आ रही है, इसबार यह एटीएम शुरू हो जाएंगे। प्रयास किया जा रहा है।
ज्योति कुमार, सीईओ