मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएस यूनिवर्सिटी से जुड़े बीएड कॉलेजों के लिए अब यूनिवर्सिटी ने अपने नियम सख्त कर दिए हैैं। दरअसल, अभी तक बीएड कॉलेज कुछ ही टीचर दिखाकर कॉलेजों की मान्यता ले लेते थे। इतना ही नहीं, कुछ कॉलेजों में बीएड के स्टूडेंट की क्लास बीटीसी के टीचर ही ले लिया करते थे। मगर अब कॉलेजों की ऐसी मनमानी नहीं चल पाएगी। अब यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों की मान्यता देने से पहले देखेगी कि कॉलेज में वास्तव में पर्याप्त टीचर है या नहीं। इस बाबत जांच के लिए वीसी के निर्देशानुसार यूनिवर्सिटी द्वारा एक समिति भी बनाई गई है।

समिति रखेगी पैनी नजर
बीते तीन माह में बीएड कॉलेजों की करीब 70 शिकायतें सीसीएसयू के रजिस्ट्रार कार्यालय पर आ चुकी हैं। शिकायतों के मुताबिक कॉलेजों में बीएड पढ़ाने वाले टीचर्स कम हैं और अन्य टीचर्स ही बीएड स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने संबंधित सभी बीएड कॉलेजों पर पैनी नजर रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए बकायदा एक समिति बनाई है, जो कॉलेज में टीचर्स की जांच करेंगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कॉलेजों को मान्यता दी जाएगी।

कई कॉलेजों में टीचर नहीं
वहीं जो मेरठ व सहारनपुर जिले में जो 407 बीएड कॉलेज संचालित हैैं, उनकी भी जांच की जाएगी। गौरतलब है कि इन कॉलेजों में करीब 15 हजार टीचर्स हैं। मेरठ में 277 कॉलेजों में करीब 650 टीचर्स हैैं। जानकारी के मुताबिक काफी कॉलेज ऐसे हैैं जिनमें, पांच से छह टीचर्स हंै। कई कॉलेजों में तो बीएड के टीचर्स ही नहीं हैैं। वहां अन्य सब्जेक्ट के टीचर्स ही बीएड स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं।

यूनिवर्सिटी में बीएड कॉलेजों की शिकायतें आ रही हैं। इस बाबत एक जांच समिति बनाई गई है। जो पुराने कॉलेजों की जांच करने के साथ ही नए कॉलेजों के मान्यता वाले मानकों को भी जांचेगी।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू