मेरठ (ब्यूरो)। बजट 2024-25 का शहर के आमजन से लेकर उद्यमियों और व्यापारियों को बेसब्री से इंतजार हैं। उम्मीद है कि इस बजट में सरकार की तरफ से और नरमी दिखाई जाएगी। उद्यमियों की सरकार से अपेक्षा करती है कि आगामी बजट मे एमएसएमई सेक्टर को रियायत की उम्मीद है। इस बजट की उम्मीदों पर आईआईए में बैठक हुई। इसमें उद्यमियों ने अपने सुझाव दिए।

एमएसएमई को सुविधाएं मिलें
आईआईए प्रतिनिधियों ने कहा कि कारोबारी उत्पादित माल की खपत के लिए बाजार तलाश रहा है। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा देश की जीडीपी में माइक्रो, स्मॉल, मीडियम उद्योगों का योगदान 40 फीसदी है, लेकिन रियायतें बड़े उद्यमियों को मिल रही हैं।

इनकम टैक्स कम हो
आईआईए की मांग है कि प्रोपराइटर और पार्टनरशिप में आने वाली एमएसएमई फर्म का इनकम टैक्स 30 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत होना चाहिए। वर्तमान में कॉरपोरेट टैक्स छोटी फर्म के टैक्स से कम है जो की अनुचित है।

पीएसयू मे 25 प्रतिशत कोटा
सरकारी क्षेत्र जैसे रेलवे, रक्षा, पीडब्लूसी, तेल निर्माताओं आदि के अंदर एमएसएमई का 25 फीसदी कोटा की अपेक्षा है। एमएसएमई को मिलने वाले लोन को आसान बनाना चाहिए। बिजनेसमैन के टैक्स में कमी लाई जाए। अभी जो इनकम टैक्स की एग्जामिनेशन की लिमिट चल रही है उसको भी काफी बढ़ाने की जरूरत है। जो लो प्रोफाइल वाले बिजनेस है उनको गवर्नमेंट को ज्यादा प्रोत्साहित करना चाहिए।

रोजगार मुख्य मुद्दा
उद्योगपतियों की मांग है कि इस बजट में देश की इकोनॉमी पर काम हो। माइक्रो टू यूनिकॉर्न प्रोग्राम शुरू किया जाए, जिससे देश में रोजगार बढ़े। देश के अंदर रोजगार पैदा होना एक मुख्य मुद्दा है। गांव-गांव में इंडस्ट्री लगनी चाहिए ताकि लोगों को रोजगार मिले।

आगामी बजट में सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाए। हमारे बिजनेस में इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक की काफी ज्यादा डिमांड रहती है। हमें अगर ग्लोबल लेवल पर सुपर पावर बनना है और चीन से मुकाबला करना है तो हमें अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर पावर को बढ़ाना पड़ेगा।
अजय कुमार गुप्ता, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, आईआईए