मेरठ (ब्यूरो)। हालत यह है कि न तो नालों की सफाई की गई है और न ही नई नवेली जेसीबी और क्रेन को बाहर निकाला गया है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि नालों की सफाई की जा रही है। बावजूद इसके, बजबजाते नाले दावों की हवा निकाल रहे हैं।
पिछले साल आए थे इक्यूपमेंट
दरअसल, कैंट बोर्ड ने पिछले साल 10 लाख रुपए में नाले की सफाई के लिए क्रेन खरीदी थी। इसके साथ ही 50 लाख रुपए की दो जेसीबी मशीन खरीदी थी। हालत यह है कि इन मशीनों को अभी तक निकाला ही नही गया है। एक बार भी विभाग ने इन मशीनों को यूज नहीं किया जा रहा है। वैसे तो विभाग द्वारा स्टाफ कम होने की भी बात कहीं जाती है,लेकिन विभाग की ओर से कांटे्रक्ट बेस पर करीब 25 सौ कर्मचारी शिफ्ट में काम कर रहे हैं।
कर रहे है झूठे दावे यहां
विभाग द्वारा आबूलेन नाले व बोम्बे बाजार, सदर, रजबन आदि विभिन्न स्थानों पर नाला सफाई अभियान का दावा तो किया जा रहा है। काम को शुरू हुए काफी समय हो गया है। दावे के इतर हकीकत की तस्वीर कुछ अलग कहानी बयां कर रही हैं। यहां नालों में न तो सफाई हो रही है न ही आसपास की गंदगी को साफ किया गया है। ऐसे में जाहिर है कि विभाग द्वारा झूठे दावे किए जा रहे हैं। विभाग के सेनेट्री इंचार्ज एसके त्यागी ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही आबूलेन नाले की सफाई का अभियान शुरू किया गया है।
नालों की सफाई का अभियान विभाग द्वारा शुरू करवा दिया गया है। बाकी संबंधित विभाग के सदस्यों से बात कर इसकी जानकारी ली जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ
हमारी नॉलेज में सफाई शुरू नहीं हुई है सब तरफ गंदगी है ऊपर से बारिश का मौसम है यहां गंदगी होती है।
नरेंद्र, अध्यक्ष, आबूलेन व्यापार संघ
यहां नालों के आसपास गंदा रहता है अब तो बदबू आने लगी है गुजरना मुश्किल हो जाता है।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ
कैंट अक्सर दावे करता है लेकिन यहां सफाई नही होती है। कैंट ने इसबार अभी तक सफाई शुरू नहीं की है। बारिश भी आने लगी है।
अमित बंसल, महामंत्री, सदर व्यापार मंडल
नालों व नालियों में कहीं भी सफाई नहीं हुई है, यहां बारिश में बहुत ही गंदगी हो जाती है।
संदीप अग्रवाल, सदर
कैंट बोर्ड को सफाई अभियान चलाने की जरूरत है। विभाग द्वारा दावे किए जाते है पर सफाई नहीं की जाती है ये गलत है।
संजय अग्रवाल, गंज बाजार निवासी
कैंट द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा है केवल दावे किए जा रहे हैं, जो कि गलत है। नालों की सफाई करना बहुत जरुरी है वरना इससे बीमारियां बढ़ेंगीं।
बृजमोहन, भूसा मंडी निवासी