- फिला ने वजन वर्गो में बड़ा बदलाव किया है, क्या लगता है कैसा रहेगा ये बदलाव?
- बिल्कुल, इससे कंपटीशन बहुत हार्ड हो जाएगा। अगर किसी कंपटीशन में 80 पहलवान है तो पहले सात जगह रहती थी, लेकिन अब उन्हें छह में एडजेस्ट करना पड़ेगा। जो पहले 60 में खेल रहा था उसे अपना वजन घटाकर 57 करना पड़ेगा। चुनौती है ये पहलवानों के लिए, जिससे उन्हें पार पाना होगा।
- आप काफी समय से कुश्ती से अलग हैं, वापसी की क्या उम्मीद है?
- मैं पिछले दो सालों से चोट से परेशान था, इसी वजह से कुश्ती से बाहर था। बेशक कुश्ती से दूरी नहीं बनाई है। संन्यास तो दूर की बात है। अभी वापसी की तैयारी कर रहा हूं। आगे कॉमनवेल्थ गेम्स हैं न्यूजीलैंड में, तो वहां वापसी संभव है।
- ओलंपिक में लगातार दो मेडल के बाद कितनी स्थिति बदली?
- बेशक ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद भारत में कुश्ती में बहुत बदलाव आया है। लेकिन अब जरूरत ये है कि भारतीय कुश्ती संघ अच्छा करता रहे, खिलाडिय़ों को स्पांसर मिलें। तो बहुत अच्छा रहेगा।
- अब भारत में कुश्ती को और बेहतर करने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?
- मेरा मानना है कि कुश्ती जो अब भी गांव देहातों में मिटटी में होती है, उसे मैट पर करानी चाहिए। ऐसे में जो पहलवान बेहतर हैं, वह मैट पर खेलकर और बेहतर हो सकते हैं और उन्हें काफी कुछ सीखने को मिल सकता है।