मेरठ (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की दौड़ में भले ही मेरठ कैंट बोर्ड ने दूसरी रैंक हासिल कर ली, मगर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियल्टी चेक में सच सामने आ ही गया। रियल्टी चेक की तस्वीरों में कैद गंदगी कैंट बोर्ड के स्वच्छता के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।

दूसरी रैंक मिली थी
दरअसल, मेरठ कैंट को वर्ष 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में 62 छावनियों में दूसरी रैंक मिली थी। इतना ही नहीं, इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह राठौर और सीईओ नवेंद्र नाथ को सम्मानित भी किया था। वहीं 2019 में कैंट स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में तीसरे नंबर पर आया था।

टूटी सड़कें, कूड़ेदान गायब
दरअसल, रविवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कैंट में स्वच्छता की दावों की पड़ताल की। जिसमें सामने आया कि जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं, कूड़ेदान टूटे पड़े हैं। हनुमान चौक के पास काफी समय से सड़क टूटी हुई है। वहीं सेंट जोंस स्कूल के पास की सड़क के हालात भी बदतर हैं। दास मोटर्स के पीछे और बॉम्बे बाजार के पास कूड़ेदान टूटा हुआ है, जिसके चलते सड़क पर ही कूड़े का ढेर लगा रहता है। सदर की गलियों की बात करें तो वहां भी कहीं कूड़ेदान नजर नहीं आए।

टूटे डिवाइडर, बंद वाटर एटीएम
कैंट क्षेत्र में मेरठ का दिल कहा जाने वाला आबूलेन एरिया शहर की बड़ी मार्केट में शुमार है। यहां भी डिवाइडर चार-पांच सालों से टूटा हुआ है। वहीं यहां लोगों की सुविधा के लिए लगाए गए अधिकतर वाटर एटीएम सालों से बंद पड़े हैं।

दो टाइम सफाई के दावे
मगर हालात से इतर कैंट बोर्ड करे दावे ही कुछ और है। कैंट बोर्ड के मुताबिक क्षेत्र में दो समय गालियों और नालियों की सफाई की जाती है। पूरे कैंट में आठ वार्ड हैं, जहां पर 2500 करीब सफाई कर्मचारी दो शिफ्ट में काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कैंट बोर्ड द्वारा रोजाना क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की सर्विस भी चालू है। जिसके लिए तीस रुपये प्रतिमाह शुल्क भी लिया जाता है।

किया जाता है लोगों को जागरूक
कैंट बोर्ड के सीईओ नवेंद्र नाथ के अनुसार बजट की कमी के चलते भी क्षेत्र में इतने बेहतर प्रयास किए गए कि 62 छावनियों में हमने दूसरी रैंक हासिल की। अब प्रयास किए जा रहे हैं इस बार सारी रिकवरी कर हर एरिया को कवर किया जाए, ताकि बजट की समस्या न हो। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सफाई अभियान चलाने की तैयारी है। इसके साथ ही क्षेत्र में सौंदर्यीकरण को लेकर कुछ प्लानिंग की जा रही है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन सर्विस को पहले से दुरुस्त किया जा रहा है व सफाई कर्मचारियों को भी अलर्ट किया गया है। मगर सबसे अहम है लोगों का योगदान चाहिए, जिससे सड़क पर फेंके जाने वाले कूड़े से भी क्षेत्र को निजात मिल जाएगी। इसके साथ ही कैंट बोर्ड द्वारा जनता को जागरुक किया जा रहा है।

व्यापारी भी तैयारी में
कैंट के इलाकों में फैली गंदगी और अव्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्र के व्यापारी भी एकजुट होने की तैयारियों में जुटे हैं। व्यापारियों का कहना है कि कैंट बोर्ड द्वारा विभिन्न तरह के टैक्स वसूले जाते है लेकिन सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। व्यापारी जल्द ही इस बाबत कैंट बोर्ड के सीईओ से मुलाकात कर अपनी मांगें रखेंगे। बावजूद कैंट बोर्ड सुविधाओं को दुरुस्त नहीं करता है तो इसको लेकर व्यापारी जल्द ही एक आंदोलन भी करेंगे।

कोट्स
कैंट बोर्ड क्षेत्र में साफ-सफाई के जो दावे करता है, वो हवा हवाई है। क्षेत्र में फैली गंदगी और अव्यवस्थाओं को लेकर जल्द ही सीईओ से मुलाकात करेंगे।
अमित बंसल, महामंत्री सदर व्यापार संगठन

क्षेत्र में जगह-जगह कूड़ेदान की आवश्यकता है लेकिन सुविधा ही नहीं है। जिसके चलते जगह-जगह सड़कों पर ही गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। गलियों और नालियों की सफाई बस दिखावे को हो रही है।
अमरदीप वाधवा, संगठन मंत्री, सदर व्यापार संगठन

कैंट बोर्ड द्वारा व्यापारियों से बस तरह-तरह के टैक्स वसूले जा रहे हैं। उस टैक्स के बदले व्यापारियों को जो सुविधा मिलनी चाहिए, वो जीरो है। क्षेत्र में सड़कें टूटी और गंदगी फैली रहती है।
दीपक चड्ढा, व्यापारी नेता

कैंट बोर्ड द्वारा बार-बार स्वच्छता व सौंदर्यीकरण का दावा किया जाता है। मगर जमीनी हकीकत देखें तो क्षेत्र में लोगों को सुविधाओं के नाम ठगा जा रहा है। हर तरफ अव्यवस्था फैली है।
ब्रजमोहन अग्रवाल, व्यापारी नेता

क्या-क्या बताएं, क्षेत्र में बहुत सारी परेशानियां है। टूटी सड़कें, हर तरफ फैली गंदगी समेत साफ-सफाई व्यवस्था का ठप पड़ी है। यहां सुविधाओं के नाम पर सिर्फ परेशानी है।
राजीव, सदर निवासी

क्षेत्र में सड़कों के साथ ही जगह-जगह कूड़ेदान भी टूटे पड़े हैं। सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं। ये कैसी सफाई है, बजट के नाम क्या हो रहा है, समझ ही नहीं आता।
निकुंज, वेस्ट एंड रोड निवासी

वर्जन
चुनौतीपूर्ण स्थितियां कोरोनाकाल के बाद से बढने लगी है। बजट की कमी के चलते हमने बेहतर करने की कोशिश की। उसी का नतीजा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में मेरठ कैंट तीसरी बार टॉप थ्री में आया। स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया है, इसमें जनता का सहयोग जरूरी है। हम इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं, पर जनता को भी अपनी जिम्मेदारियां निभानी होंगी।
नवेंद्र नाथ, सीईओ, कैंट बोर्ड