मेरठ (ब्यूरो)। सालभर शहर की स्वच्छता की तैयारियों में जुटे नगर निगम के लिए मार्च का माह बहुत महत्वपूर्ण होता है। दरअसल, हर साल इस माह में आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम की रैंकिंग का निर्धारण किया जाता है। इस रैकिंग में बुजुर्गों का फीडबैक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगा।

जनता के बीच सर्वे
स्वच्छता सर्वेक्षण में केंद्र से आई टीम शहर की सफाई व्यवस्था समेत अन्य मानकों की जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। इस टीम का गोपनीय निरीक्षण शहर में होता है। इसमें टीम जिन क्षेत्रों में जाती है वहां के लोगों से बात कर विभिन्न मानकों पर मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेती है जैसे की आपके वार्ड में रोजाना सफाई होती है या नहीं, कूड़ा रोजाना उठाता है या नही, शौचालय की सुविधा है या नही आदि।

ऑनलाइन पोर्टल पर फीडबैक
इसके अलावा खुद निगम अपने काम के प्रति जनता की भागीदारी दिखाने के लिए जनता का फीडबैक ऑनलाइन माध्यम से एकत्र करता है। इसमें सर्वेक्षण के तय मानकों पर जनता का फीडबैक मिलने के आधार पर रैकिंग तय होती है। यह फीडबैक अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस बार 600 अंकों का फीडबैक सीधा जनता से लिया जाएगा। इसमें जनता को 600 अंकों के सवालों पर अपना फीडबैक देना होगा। सबसे खास बात यह है कि 60 साल से अधिक बुजुर्ग नागरिक इसमें सबसे अधिक 400 अंकों का फीडबैक देंगे। जबकि बाकी आयु वर्ग के लोगों के 100-100 अंक के सवाल पूछे जाएंगे।

फैक्ट्स
- 2250 नंबर होगा सिटीजन वायस फीडबैक
- इसमें से 600 अंक जनता के फीडबैक के होंगे
- इन बार तीन श्रेणियों में होगा फीडबैक
- इसमें 15 से 29 साल के लिए 100 नंबर का फीडबैक
- 30 से 59 तक के लोगों के लिए 100 नंबर का फीडबैक
- 60 से अधिक आयु के लोगों के लिए 400 नंबर का फीडबैक
- 31 मई तक जारी रहेगा फीडबैक

इन सवालों पर होगा फीडबैक
- कचरा प्रबंधन
- आसपास साफ-सफाई
- सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था

वर्जन
फीडबैक जनता की राय होती है। नगर निगम के किन किन मानकों पर कम रहा या कहां अच्छा काम किया यह सब जनता बताती है। हमारा प्रयास है कि जनता अधिक से अधिक संख्या में फीडबैक दे।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी