मेरठ (ब्यूरो)। मिट़्टी से पोषक तत्व गायब हो रहे हैं। इसमें जिंक की मात्रा बहुत कम हो गई है। जिसका सीधा असर बच्चों की लंबाई पर पड़ रहा है। यूपी समेत देश के कई राज्यों में एक से पांच वर्ष तक के बच्चों की बड़ी आबादी बौनेपन की शिकार हो रही है। उनका ,कद उनकी उम्र और वजन के हिसाब से नहीं बढ़ रहा है। नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे-पांच की रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक दस में से औसतन चार का कद छोटा मिल रहा है। मेरठ जिले के हालात भी अच्छे नहीं हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों के शरीर में जरूरी पोषक तत्व पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। नतीजन बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकासअवरूद्ध हो रहा है।
बरेली, कानपुर, मेरठ में स्थिति चिंताजनक
रिपोर्ट के मुताबिक बरेली, कानपुर देहात और मेरठ जिले के बच्चों में इसका असर सर्वाधिक पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन जिलों में औसतन दस में से तीन बच्चों की लंबाई तय मानकों से कम मिल रही है। सबसे अधिक बरेली में 45.9 प्रतिशत और कानपुर देहात में 44.1 प्रतिशत और मेरठ में 39.7 प्रतिशत बच्चों की आबादी में बौनापन पाया गया है।
ये है स्टडी रिपोर्ट
जिला - बौनेपन के शिकार बच्चों की आबादी
मेरठ----- 39.7 प्रतिशत
आगरा---- 35.9प्रतिशत
गोरखपुर---- 29.6 प्रतिशत
कानपुर देहात--- 44.1 प्रतिशत
कानपुर सिटी---- 34.6प्रतिशत
बरेली----- 45.9 प्रतिशत
लखनऊ----- 32.1 प्रतिशत
प्रयागराज----- 37.9 प्रतिशत
वाराणासी----- 37.4 प्रतिशत
इन राज्यों में भी बिगड़े हालात
झारखंड
कुल- 39.6 कुल
रूरल -26.8 प्रतिशत
अर्बन -42.3 प्रतिशत
बिहार
कुल= 39.7 कुल
रूरल -43.9 प्रतिशत
अर्बन - 36.8 प्रतिशत
उत्तराखंड
कुल- 27.0 कुल
रूरल -24.3 प्रतिशत
अर्बन - 28.2 प्रतिशत
यूपी
कुल- 39.7
रूरल - 41.3 प्रतिशत
अर्बन - 33 प्रतिशत
मिट्टी बन रही वजह
एक्सपर्टस बताते हैं मिट्टी में मौजूद जिंक और आयरन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में मददगार होते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के मुताबिक मिट्टी से अब ये तत्व लगभग गायब हो रहे हैं। इसके मुताबिक भारतीय मिट्टी से जिंक की 43 प्रतिशत मात्रा, आयरन की 12 प्रतिशत मात्रा ।मैग्नीशियम और कॉपर की 5.6 प्रतिशत मात्रा और बोरान की 19 प्रतिशत मात्रा कम हो गई है। खेतों में केमिकल, यूरिया का अत्यधिक प्रयोग पोषक तत्वों को भी खत्म हो रहे हैं। सेब, गेहूं, बाजरा, दालों से पोषण 60 प्रतिशत तक घट गया है।
ये हैं बच्चों में लंबाई के मानक
जन्म के समय- लगभग 50 सेंटीमीटर (औसत)
6 महीने के बच्चे- लगभग 65-70 सेंटीमीटर
1 साल के बच्चे- लगभग 75-80 सेमी
2 साल - लगभग 85-90 सेंटीमीटर
3 साल - लगभग 90-95 सेंटीमीटर
4 साल - लगभग 95-102 सेंटीमीटर
5 साल - लगभग 102-108 सेंटीमीटर
( मानक डब्ल्यूएचओ के हैं)
लंबाई बढ़ाने के लिए ये हैं जरूरी
1- बच्चों को बैलेंस्ड डाइट दें
इसमें प्रोटीन, विटामिन-डी, विटामिन और मिनरल्स, कैल्शियम की तय मात्रा होनी जरूरी है। खाने में मांस, मछली, अंडे, दालें और नट्स, दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूरज की रोशनी, अंडे, फोर्टिफाइड फूड आइटम, फ्रेश फ्रूट और सब्जियां जरूर होनी चाहिए।
2- हेल्दी लाइफस्टाइल
बच्चों को डेली फिजिकल एक्टिविटीज में इंवॉल्व करें। खेलकूद, दौड़ और अन्य फिजिकल एक्टिविटीज हड्डियों को मजबूत करती हैं और विकास में सहायक होती हैं।
3- प्रॉपर नींद लें
5 साल तक के बच्चों के लिए 10-12 घंटे की नींद जरूरी है।
4- हाइड्रेशन बनाएं रखें
पर्याप्त पानी पिलाएं, रूटिन हैल्थ एग्जामिनेशन करवाएं। बच्चों को स्ट्रेस फ्री एनवायरमेंट दें।
इनका है कहना
बच्चों में लंबाई कैसी होगी इसके पीछे कई फैक्टर काम करते हैं। अगर मास में बच्चों में बौनापन आ रहा है तो यह चिंता का विषय है। सही पोषण न मिलना, प्रोटीन, जिंक, विटामिन डी की कमी बच्चों के विकास में बाधा डालती है।
डॉ। नवरत्न गुप्ता, एचओडी पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट, मेडिकल कॉलेज
बच्चों में ऑवरऑल ग्रोथ के लिए संतुलित आहार की जरूरत होती है। एक वर्ष तक के बच्चे को अधिक मीठा या नमक नुकसानदायक होता है। फैट्स का अधिक सेवन भी छोटे कद के लिए जिम्मेदार होता है।
डॉ। विजय जायसवाल, सीनियर पीडियाट्रिशियन
बच्चों को विकास के लिए पर्याप्त कैलोरी की चाहिए होती है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी से भी विकास दर प्रभावित होती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों के लिए ऐसी डाइट प्लान करें तो उनकी पोषण की सभी जरूरतों को पूरा करें।
डॉ। भावना गांधी, क्लीनिकल न्यूटिशिनियस्ट