मेरठ (ब्यूरो)। Meerut News : मेरठ में साइबर अपराध का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है। विभागीय की रिपोर्ट के मुताबिक बीते ढाई साल में 5700 अधिक मामले साइबर क्राइम के तहत दर्ज हो चुके हैं। यानी औसतन हर तीन घंटे में एक मामला दर्ज हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आमलोगों में जागरूकता का बेहद अभाव है। साइबर अपराधी इसी बात का फायदा उठाते हैं। इन अपराधों से बचने के लिए जागरूकता की एकमात्र तरीका है।
आठ करोड़ से अधिक ठगे
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिले में अलग-अलग मामलों में स्कैमर्स ढाई साल में तकरीबन आठ करोड़ रूपये ठग चुके हैं। जिसमें करीब 3 करोड़ की रिकवरी का पुलिस प्रशासन का दावा है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में लगभग 1700 मामले साइबर अपराध के तहत दर्ज हुए थे। वर्ष 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर करीब 2500 मामलों पर पहुंच गया। वहीं 2024 में अब तक तकरीबन 1500 मामले दर्ज किए गए हैं।
जागरूकता का अभाव
एक्सपर्ट बताते हैं साइबर फ्रॉड के मामलों में प्रलोभन ठगी की बड़ी वजह मिल रही है। लोग सस्ते, फ्री, सरकारी योजनाओं में लाभ, पैसा डबल होने, लॉटरी निकलने जैसे ऑफर या लिंक पर भरोसा कर लेते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं। दूसरी वजह लोगों में जागरूकता की कमी है। अंजाने में लोग गूगल पर दिए टोल फ्री नंबर, लोन एप, फाइनेंस कंपनी समेत कई जगहों पर अपना डाटा खुद ही भेज देते हैं। यही से उनके आधार कार्ड और अन्य डिटेल्स स्कैमर्स तक पहुुंच जाती हैं।
यूपी में सर्वाधिक केस
आईटी मंत्रालय की 2022- 23 की रिपोर्ट के तहत देशभर में11 लाख से अधिक मामले साइबर क्राइम के तहत दर्ज किए गए थे। इनमें सर्वाधिक दो लाख मामले यूपी के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन मामलों में कुल 721 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज की गई।
यहां करें शिकायत
साइबर सेल इंचार्ज सुबोध सक्सेना बताते हैं कि साइबर अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज करवाएं । डायल 112 पर भी कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। साइबर क्राइम।गोव।इन पर भी मामला रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है। वहीं स्थानीय थाने, साइबर थाने में भी मामला दर्र्ज करवाया जा सकता है।
इन बातों का रखें ख्याल
अनचाहे लिंक पर क्लिक न करें।
ओटीपी कभी भी किसी से भी शेयर न करें
फोन में ओटीपी से संबंधित मैसेज को पूरा पढ़ें। सिर्फ ओटीपी देखकर ही मैसेज न छोड़े
अपने फोन में कभी भी अंजान एप डाउनलोड न करें।
टोल फ्री नंबर किसी भी कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही लें। गूगल पर सर्च न करें। यहां भी स्कैमर्स एक्टिव रहते हैं।
किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए पूरी जानकारी संबंधित कार्यालय से ही प्राप्त करें।
अपने पासवर्ड, एटीएम पिन आदि जल्दी-जल्दी बदलते रहें।
ऑनलाइन कूपन, फ्री गिफ्ट, अधिक डिस्काउंट के चक्कर में न फंसे।