केस-1
यूनिवर्सिटी में बीते बुधवार को भी गौतमबुद्धनगर के लॉयड कॉलेज के एलएलबी के स्टूडेंट ने भी इस बाबत रजिस्ट्रार कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। स्टूडेंट का कहना था कि सुबह-सवेरे किसी व्यक्ति का फोन आया था। जो खुद को परीक्षक बता रहा था और री-चेकिंग में नंबर बढ़वाने के लिए तीन हजार रुपए मांग रहा था। स्टूडेंट ने जब कॉलेज को इसकी जानकारी दी तो कॉलेज ने ट्रू कॉलर में नंबर सर्च किया। सर्चिंग में निकलकर सामने आया कि नंबर किसी विनोद सिंह के नाम पर शो हो रहा था।

केस-2
वहीं मवाना के एफएल कॉलेज के बीबीए के एक स्टूडेंट के साथ ही हू-ब-हू घटना हुई। कॉल कर नंबर बढ़वाने के लिए ढाई हजार रुपये की मांग की गई। स्टूडेंट ने सीसीएसयू के गोपनीय विभाग को मेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई।

मेरठ (ब्यूरो)। जाहिर-सी बात है कि खबर के शीर्षक ने आपको असमंजस में डाल दिया होगा। चलिए आपको बता दें कि माजरा क्या हैदरअसल सीसीएसयू के स्टूडेंट्स के पास अलग-अलग नंबर्स से अलग-अलग लोगों के फोन कॉल्स आ रहे हैैं। जिसमें स्टूडेंट्स से री-चेकिंग में नंबर बढ़ावाने का दावा किया जा रहा है। साथ ही इसके लिए रुपये भी मांगे जा रहे हैैं। सीसीएसयू के रजिस्ट्रार कार्यालय पर आई विभिन्न शिकायतों के बाद ये मामला सामने आया है।

अब तक पहुंची 40 शिकायतें
बता दें कि यूनिवर्सिटी में यूजी व पीजी और एनईपी के यूजी संबंधित विभिन्न कोर्से में रिजल्ट आने के बाद जिन स्टूडेंट्स ने री-चेकिंग के लिए अप्लाई किया है उन्हें इस तरह की कॉल्स आ रही हैैं। जिसमें कॉल करने वाला कोई व्यक्ति अपने आप एग्जामिनर बता रहा है तो कोई खुद को एग्जामिनर का रिश्तेदार। इतना ही नहीं, ये व्यक्ति स्टूडेंट्स को री-चेकिंग में चार से पांच नंबर्स तक बढ़वाने का लालच दे रहे हैैं ढाई से तीन हजार रुपये की मांग कर रहे हैैं। इस बाबत सीसीएसयू में अब तक 40 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैैं। जिनमें से 11 लिखित हैैं और आठ ई-मेल के जरिए भेजी गई हैैं। वहीं 21 शिकायतें फोन के जरिए रजिस्ट्रार कार्यालय तक पहुंची है।

इनका है कहना
इंग्लिश सब्जेक्ट में री-चेकिंग के लिए मैैंने अप्लाई किया था, तब मेेरे पास भी कॉल आया था। मुझसे तीन हजार रुपये मांगे गए थे।
तपवल

इस संबंध में मेरे दोस्त को भी किसी ने एग्जामिनर बनकर कॉल किया था। उससे पैसे मांगे गए लेकिन उसने साफ-साफ मना कर दिया।
अंकुर

इस तरह के बहुत केस आ रहे है। इसको लेकर हमनें भी यूनिवर्सिटी में शिकायत की है। इस तरह के मामलों की गहनता से जांच होनी चाहिए।
अंकित अधाना

इस तरह की शिकायतें आई हैैं। जिनमें दो शिकायतों की जांच गोपनीय विभाग को दी गई है। जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
धीरेंद्र वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू