डॉक्टर्स बोलें- कोरोना से रिकवर्ड मरीजों में अधिक खतरा

अस्पतालों को भी जारी किया अलर्ट

Meerut। बरसात के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार जरा सी लापरवाही परेशानी का सबब बन सकती है। ऐस में मलेरिया विभाग ने भी इन बीमारियों की रोकथाम की पूरी कवायद शुरु कर दी है।

शुरु हुआ अभियान

जिले में वायरल और दूसरी वैक्टर बॉर्न डिजीज की रोकथाम के लिए अभियान शुरु हो चुके हैं। जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे सभी इलाके जहां पानी जमा हो रहा है वहां विभाग की टीमें दवा डाल रही हैं। जिससे पानी में डेंगू मच्छर पनप नहीं पाए। इसके अलावा जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

बढ़ने लगे मरीज

सीएमओ डा। अखिलेश मोहन ने बताया कि जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज में बुखार के मरीजों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि हफ्ते भर में ही बुखार, खांसी जुकाम के मरीजों की संख्या ओपीडी में बढ़ने लगी है। अस्पतालों को ऐसे मरीजों को के साथ किसी भी दशा में लापरवाही न बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं।

डॉक्टर से करें संपर्क

सीएमओ डॉ। अखिलेश मोहन ने बताया कि इस मौसम में अगर बुखार होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। मच्छर के काटने के बाद अगर 4 से 7 दिनों तक बुखार, आंखों और सिर में दर्द, जी मिचलाना, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल रैशेज़ और मांसपेशियों में दर्द आदि की शिकायत होती है। ब्लड प्लेटलेट्स काउंट तेजी से गिरने लगते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसी स्थिति में लापरवाही कतई न बरतें।

डेंगू का खतरा अधिक

सीएमओ ने बताया कि ऐसे लोग जो कोरोना से ठीक हुए हैं उनमें डेंगू का खतरा अधिक है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से इनमें डेंगू की आशंका अधिक होती है। बच्चों और बुजुर्गो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से उन्हें भी इन बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

ऐसे करें बचाव

जिला मलेरिया अधिकारी बताते हैं कि डेंगू के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर्स बुखार और दर्द को नियंत्रित करने के लिए दवा देते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखना डेंगू नियंत्रित करने का सबसे कारगर तरीका है। पानी और जूस जैसे तरल पदार्थो का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से मरीज की सेहत में तेजी से सुधार होता है। ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीना चाहिए। गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में एडमिट कराने की जरूरत होती है। अत्यधिक गंभीर मामले में पीडि़त व्यक्ति को इंट्रावेनस फ्लूड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दिया जाता है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और प्लेटलेट्स ट्रांस्फ्यूजन द्वारा भी उपचार किया जाता है।

ये मिले डेंगू के केस

2020-35 केस

2019-199

2018-153

2017-660

2016-183

बरसात के मौसम में डेंगू का खतरा बना हुआ

है। इस मौसम में मच्छरों का पनपना शुरू हो जाता है। हालांकि हम पूरी तरह से एहतियात बरत रहे हैं।

सत्य प्रकाश, डीएमओ, मेरठ

ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, तो शरीर में पनपने वाला वायरस किडनी, लिवर, लंग्स, हार्ट और ब्रेन जैसे प्रमुख अंगों पर हमला शुरू कर देता है। इस मौसम में काफी सावधानी बरतने की जरूरत है

डा। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज