मेरठ (ब्यूरो)। मौसम में तेजी से बदलाव के साथ ही डेंगू-मलेरिया का खतरा लगातार बढऩा शुरू हो गया है। सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा होते देख स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोगों से निपटने के लिए जनपद में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी शुरू कर दिया है। इससे अलग डेंगू मच्छर के लार्वा की तलाश के लिए डोर टू डोर अभियान भी शुरू किया जा चुका है।

123 संवेदनशील क्षेत्रों में
डेंगू के लार्वा की पहचान और संचारी रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया विभाग की सात टीमों को लगाया गया है। जो जनपद के 123 संवेदनशील क्षेत्र जिसमें 71 शहरी व 52 ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है। इन स्थानों पर आशा व आंगनबाड़ी द्वारा सर्वे भी किया जा रहा है। जिन घरों में लार्वा मिल रहा है उन सभी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

रोजाना बढ़ रहे मरीज
स्वास्थ्य विभाग के आंकडोंं पर नजर डालें तो अकेले मेडिकल कालेज में ही रोजाना 300 से अधिक सीजनल फीवर, टाइफाइड, डायरिया के मरीजों की ओपीडी हो रही है। जिला अस्पताल में यह संख्या 500 से अधिक मरीजों तक पहुंच रही है। इनमें भी बच्चों की संख्या सबसे अधिक है।

30 अप्रैल तक चलेगा अभियान
इसके अलावा 1 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत जनपद की 2022 आशा और आंगनबाड़ी घर-घर सर्वे करेंगी। साथ ही घरों में बुखार वाले मरीजों, कुपोषण से ग्रसित बच्चे, जुकाम व खांसी के मरीजों, क्षय रोग से ग्रसित मरीजों का डाटा एकत्र कर विभाग को देंगी। इसके अतिरिक्त स्वच्छता के लिए घर-घर पोस्टर लगाकर स्वच्छता अभियान के माध्यम से लोगों साफ-सुथरा रहने के लिए जागरूक किया जाएगा।

संचारी रोग रोकथाम अभियान के तहत लार्वा की तलाश के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को जागरूकता भी किया जा रहा है कि अपने आसपास कूलर या बर्तन में या खाली जगह पर पानी एकत्र न होने दें। साथ ही टीम को लार्वा मिलते ही उसे नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैैं।
डॉ। सत्यप्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी