मेरठ (ब्यूरो)। महिला हेपेटाइटिस सी और गर्भ में पल रहा बच्चा एक्यूट रिस्पेरेटरी डिस्ट्रेस सिन्ड्रोम से पीडि़त था। यह फेफड़ों की गंभीर बीमारी है। डॉक्टर्स ने महिला और उसके गर्भस्थ शिशु को नया जीवनदान देकर इतिहास रच दिया है। समूह चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि ने विम्स के डॉक्टर्स को बधाई दी।
श्वसन डिसीज्र से पीडि़त था शिशु
इस जटिल सर्जरी के बारे में विम्स की स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ प्राची त्यागी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले भर्ती इस महिला की हालत बहुत ज्यादा खराब थी। लैब एवं अल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट में महिला गम्भीर श्वसन इन्फेक्शन एवं पेट में पल रहे शिशु को गम्भीर श्वसन डिसीज/सिन्ड्रोम (एआरडीएस) थी। ऐसे में इनको बचाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। तीन घंटे की जटिल सर्जरी के बाद जच्चा बच्चा दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया। प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने कहा कि विम्स सभी क्षेत्रवासियों को सस्ती एवं विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह टीम रही शामिल
इस जटिल सर्जरी में गायनी एवं पीडिया की टीम में डॉ प्राची त्यागी के साथ सीनियर रेजीडेंट डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ कुनिका बत्रा, पीडिया से डॉ वारिस बिलाल, डॉ प्रीति टण्डन, डॉ राहुल, डॉ तरूण, एनस्थीशिया डॉ अवधेश आदि लोग रहे।