मेरठ (ब्यूरो)। महिलाओं को फ्री शॉपिंग और पुरुषों को फ्री लोन का लालच ले डूब रहा है। साइबर ठग ऐसे ही लुभावने ऑफर्स के हथकंड़े अपनाकर लाखों-करोड़ों की ठगी को अंजाम दे रहे हैं। मेरठ में साइबर फ्रॉड के मामले इसकी तस्दीक करते हैं। एक्सपट्र्स बताते हैं कि फ्री और अट्रेक्टिव ऑफर देख लोग जल्दी झांसे में आ जाते हैं। स्कैमर्स इसी का फायदा उठाते हैं।

कमजोरी बनी स्कैमर्स का हथियार
एक्सपर्ट बताते हैं स्कैमर्स लोगों की साइक्लोजी के साथ खेलते हैं। वह जानते हैं कि किस वर्ग को किस तरह से फंसाना आसान है। ऐसे में वह हर दिन ठगी के नए-नए तरीके ढूंढ निकाल लेेते हैं। पूरा गैंग इस पर काम करता है। उनका पूरा फोकस लोगों की कमजोरी पर रहता है। अधिकतर लोग ऑनलाइन दिखने वाले लुभावने ऑफर्स के लालच में फंस जाते हैं।

70 फीसदी मामलों में पुरुष शिकार
साइबर सेल में दर्ज होने वाले मामलों में 70 फीसदी पुरुष हैं। जो किसी न किसी लोन, निवेश, ट्रेडिंग से संबंधित एप के चक्कर में पड़कर ठगी के शिकार हुए हैं। ठग पहले कॉल करते हैं। फिर कोई एप डाउनलोड करवाते हैं। पहले बढिय़ा रिटर्न दिखाते हैं। सारी जानकारी इकट्ठी करते हैं और उसी से खाते से पैसा निकाल लिया जाता है। महिलाओं को वहीं शॉपिंग का क्रेज होता है। फ्री ऑफर मिले तो ये सोने पर सुहागे का काम करता है। यहीं वह ठगी का शिकार हो जा रही हैं।

साइबर फ्रॉड से ऐसे बचें
किसी अंजान लिंक पर क्लिक न करें।
महंगी ब्रॉंडेड चीजें ऑनलाइन यदि बहुत सस्ती मिले तो एकदम से झांसे में न आएं।
किसी भी अंजान एप को फोन में डाउनलोड न करें।
साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता बढ़ाएं
सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सअप, टेलीग्राम आदि पर अंजान नंबर्स से आने वाली कॉल से बचें
गूगल सर्च के दौरान सिर्फ ऑफिशियल लिंक पर ही क्लिक करें।

सोशल मीडिया का अब फायदा कम, नुकसान ज्यादा दिखने लगा है। लोन ऑफर्स के मैसेज दिनभर आते रहते हैं। हम इनसे बचते हैं।
फतेह चंद, पूर्व प्रिंसिपल, जीआईसी

दिन में दो से तीन कॉल फ्रॉड ही आती हैं। अब काफी जानकारी हो गई है इसलिए इनसे बच जाते हैं। अब डाटा सुरक्षित नहीं हैं।
आयुष, ऑनर, जिंदल ट्रेवल्स

डिजिटल होने के नुकसान भी हैं। लोगों में जागरूकता नहीं हैं। दिन-रात सोशल मीडिया चलाना सेफ नहीं हैं। हमें खुद ही सुरक्षित और सेफ होना होगा।
राजरानी, टीचर

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर साइबर क्राइम के प्रति अवेयर करने के लिए काफी प्रोग्राम चल रहे हैं। लोग अवेयर हो। किसी भी अंजान व्यक्ति के झांसे में न आएं। ठगी के शिकार होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत कॉल करें।
सुबोध सक्सेना, साइबर सेल इंचार्ज