5 करोड़ रुपये हर साल नालों की साफ-सफाई के नाम पर होते हैं खर्च

14वें वित्त और नगर निगम बोर्ड बजट से करोड़ों रुपये नालों पर होते हैं खर्च

शहर के कई नालों की बाउंड्री तक नहीं दुरुस्त, नालों में डूबकर गई कई बच्चों की जान

Meerut। शहर के नालों में गिरकर लोग अपनी जान गवां रहे हैं। कई नालों की बाउंड्री भी टूटी है। इससे बारिश में नाले उफनकर सड़क को जलमग्न कर रहे हैं। यही नहीं नालों का पानी घरों में भी घुस रहा है। बावजूद इसके, नालों की बाउंड्री का काम सिर्फ सर्वे तक सीमित है।

करोड़ों खर्च के बाद भी अधूरे नाले

नगर निगम प्रतिवर्ष 14वें वित्त और नगर निगम बोर्ड बजट से करोड़ों रुपये नालों पर खर्च करता है। हर साल लगभग पांच करोड़ रुपये तो नाला सफाई के नाम पर खर्च होते हैं। बावजूद नालों की दशा सुधर नहीं सकी। शहर के अधिकतर नालों की बाउंड़ी क्षतिग्रस्त है। तेज बारिश में भी नाले उफनकर सड़क पर आ जाते हैं।

निरीक्षण के बाद भी अधूरे निर्माण

जून में बरसात से पहले नालों की हालत में सुधार के लिए खुद नगरायुक्त मनीष बंसल ने शहर के नालों का निरीक्षण कर निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कुछ नालों की हालत में सुधार हुआ बाकी अधूरे पडे़ हैं।

शहर के कुछ प्रमुख नालों के हाल

बाउंड्री है टूटी

बेगमपुल से मेरठ कालेज तक आबूनाले की हालत जगह जगह से खराब है। इन नाले की बाउंड्री जगह जगह से टूटी हुई है। नगर निगम की लापरवाही के चलते बरसात के दौरान इस नाले का पानी और कचरा सड़क तक आ जाता है।

परेशानी का कारण बना नाला

कसेरुखेड़ा नाला कई साल से स्थानीय लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। पिछले साल 14 वें वित्त से लगभग ढाई करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया था। इसके बाद कसेरूखेड़ा नाले (आबूनाला दो) में मवाना रोड पुल से कसेरूखेड़ा पंपिग स्टेशन तक लगभग 850 मीटर आरसीसी दीवार का निर्माण शुरू किया था। तब ठेकेदार ने मवाना रोड पुल के पास मिट्टी खोदकर नाले में डाल दी थी। इसे देखते हुए तत्कालीन नगर आयुक्त डॉ। अरविद चौरसिया ने बारिश के मौसम में काम पर रोक लगा दी थी। उसके बाद से यह काम कई महीनों तक बंद पड़ा रहा। दो माह पहले दोबारा नगर निगम ने इस नाले की दीवार का काम काम शुरु किया गया है।

कई जगह पर टूटी है दीवार

ओडियन नाले की दीवार कबाड़ी बाजार चौराहा से लेकर भूमिया पुल तक एक दर्जन से अधिक स्थानों पर टूटी हुई है। नाला पटरी मार्ग पर वाहनों का दबाव भी काफी अधिक होता है। अनियंत्रित होकर वाहन कभी भी नाले में समा सकते हैं।

कई जगहों पर टूटा नाला

गांधी आश्रम से नेहरू नगर होकर गुजर रहा नाला कई स्थानों पर टूटा हुआ है। बुधवार को हुई बारिश के दौरान इस नाले की गंदगी नेहरू नगर और फूल बाग के मकानों में भर गई। बरसात के दौरान लोग भारी जलभराव से जूझते हैं। नेहरू नगर के नाले में दो साल पहले एक बच्चा गौरव गिरकर मर गया था। तब हाइकोर्ट ने नालों को सुरक्षित बनाने के आदेश भी दिए थे। इस मामले में हाइकोर्ट ने तत्कालीन नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह को तलब कर लिया था।

नाले की पटरी पर अतिक्रमण

पांडव नगर पॉश कॉलोनी है। इस कॉलोनी के बीच से गुजर रहा नाला पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। नाले की पटरी पर अतिक्रमण होने के कारण नाले के कुछ हिस्से की सफाई नहीं हो पाती है। जिसके कारण जगह-जगह टूटी पड़ी नाले की दीवार से नाले का पानी मोहल्ले में भर जाता है।

इन क्षेत्र में खतरा

ओडियन नाले से सटे किशनपुरी, हरि नगर, कबाड़ी बाजार, गणेशपुरी, इंदिरा नगर, भगवतपुरा, ऊंचा व नीचा सद्दीक नगर, बाबू की कोठी, अहमद नगर, किदवई नगर आदि में हालात खराब हैं। कई जगह तो नाले की दीवार न होने से वाहन सवार व बच्चे गिर जाते हैं।

कुछ कारणवश बाउंड्री नहीं बनवाई जा सकी। इस बार नगर आयुक्त से बात कर इन नालों की टूटी बाउंड्री को बनवाने का का काम किया जा रहा है

यशवंत कुमार, चीफ इंजीनियर नगर निगम