मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएस यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम के बाद कोतवाल धनङ्क्षसह गुर्जर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को लेकर काफी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि मेरी हैसियत नहीं है कि मैं कोतवाल धनङ्क्षसह गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण कर सकूं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी प्राणों की आहूति देने वाले कई बलिदानियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में मेरा यह पहला औपचारिक रूप आगमन है। यह आगमन जीवन में हमेशा यादगार रहेगा। उत्तर प्रदेश में जो सोचा नहीं था, वह अब मुमकिन हो रहा है। धनसिंह कोतवाल का कार्य क्षेत्र बहुत लंबा था। मेरे मन में एक नाराजगी है कि हम शहीदों को क्यों भूल गए। उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास में इनका जिक्र सही ढंग से क्यों नहीं किया गया।
लॉ ऑर्डर के मामले में उत्तम है यूपी
उन्होंने कहा कि आज जो सुनने को मिल रहा है, वह मन को प्रसन्न करता है। उन्होंने कहा कि आज विकास की गंगा इसी राज्य में बह रही है। लॉ एंड ऑर्डर के मामले में उत्तर प्रदेश आज उत्तम प्रदेश है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राज्यपाल के कार्यकाल के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां आए थे। तब उन्होंने कहा था कि हमें हमारे शहीदों को ढूंढना पड़ेगा, क्योंकि इतिहास ने बड़ा अन्याय किया है।
स्वाधीनता संग्राम लड़ा था
उन्होंने गुमनाम नायकों की बात करते हुए कहा कि सन् 1824 में देहरादून क्षेत्र में राजा गुर्जर बहादुर ने अपने सेनापति कल्याण ङ्क्षसह के नेतृत्व में अंग्रेजों के साथ गुर्जर स्वाधीनता संग्राम लड़ा था। इस क्रांति का उल्लेख हमने कभी नहीं किया। ऐसे ही बडौत के जाट सरदार शाहमल ङ्क्षसह तोमर और जाट किशोर शिव देवी तोमर की वीरता की कहानी भी हमें नहीं पता।
बलिदानियों का अनुकरण करें
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर निवासी और वंचित समाज की वीरांगना महावीरी देवी ने अपनी 22 महिला साथियों के साथ मेरठ की क्रांति से दो दिन पहले क्रांति से पहले अंग्रेजों पर हमला किया था। बाद में सभी 22 वीरांगनाओं को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि बात मध्यम कालीन समय की करें तो मेरठ-हरिद्वार क्षेत्र में रामप्यारी गुर्जर 40 हजार सैनिकों की सेना तैयार की थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि बलिदानियों को हमें सिर्फ याद ही नहीं रखना है बल्कि उनका अनुकरण भी करना है।