बिजली के केबल से पहुंचा लोहे के गेट में करंट
विधायक व एसडीएम ने आíथक मदद का आश्वासन दिया
Meerut। ऐंची खुर्द में सोमवार दिन निकलते ही दर्दनाक हादसा हो गया। घर के मुख्य दरवाजे पर लगे लोहे के गेट में बिजली के केबल से उतरे करंट से परिवार के मुखिया व उसके दो पुत्रों की मौत हो गई। जबकि दो पशु भी मर गए। बारिश से घर की दीवारों व जमीन में काफी देर तक करंट दौड़ा। आखिर में परिजनों ने पड़ोसियों की मदद से केबल हटाया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने शासन की और से दस लाख रुपये की आíथक मदद का आश्वासन दिया।
ये है मामला
ऐंची खुर्द में 50 वर्षीय पूरन गिरी परिजनों के साथ रह रहा था। खेती की दो बीघा जमीन से जीविका नहीं चलने से वह पशुपालन व बटाई पर खेती कर रहा था। उधर, उसके तीन पुत्रों में बड़ा पुत्र दीपक 22 वर्ष मेरठ के एक इंस्टीटयूट में कर्मचारी लग गया जबकि निखिल 17 वर्ष, आशुतोष 15 वर्ष क्रमश: कक्षा 11 व 9 में पढ़ाई कर रहे थे। वहीं रात से लगातार हो रही बारिश से सोमवार सुबह करीब छह बजे घर की बाहरी दीवार पर लगे बिजली मीटर से अंदर जा रहे केबल में फाल्ट होने से लोहे के गेट में करंट दौड़ गया। वहां बंद रहे दो भैंस वंशी चपेट में आकर मौत हो गई। उन्हें बचाने के लिए पहुंचा छोटा पुत्र आशुतोष भी करंट की चपेट में आ गया। उसे बचाने को आए पिता के शरीर में भी करंट दौड़ गया। चीख सुनकर पहुंचा निखिल को भी करंट लगकर नीचे गिर गया। इस बीच चीख-पुकार मचने पर परिजन व पड़ोसी आए और केबिल हटाकर आपूíत बंद की। तब तक पिता व दोनों पुत्रों की मौत हो चुकी थी। इस बीच काफी देर तक घर की दीवार व जमीन में करंट दौड़ता रहा। मौके पर पुलिस पहुंची और तीनों शवों को मर्चरी भेजा। एसडीएम मवाना कमलेश गोयल, बिजली विभाग के एक्सइएन प्रवीण कुमार घटना स्थल पर पहुंचे और मुख्यमंत्री कृषि दुर्घटना बीमा योजना के तहत दस लाख रुपये की आíथक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं, देर शाम शवों का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया।
पलभर में तबाह परिवार
पूरन के तीन जवान बेटे और सब कुछ सामान्य चल रहा था। खेती की जमीन भले ही कम थी पर जीवन पटरी पर दौड़ रहा था। जबकि नियती को कुछ और ही मंजूर था और सुबह के वह मनहूस पल में सब कुछ तबाह कर गए। रात से हो रही बारिश व केबल में उतरे करंट से पिता व दो पुत्रों की मौत हो गई। जबकि मौत का मंजर अपनी आंखों से देख चुकी कृष्णा को घंटों में होश आया। जबकि बूढ़ी दादी डोलो की आंखे भी नहीं सूख रही थी। अब परिवार में बेटा दीपक ही बचा है।
बिजली केबल से लोहे के गेट में करंट उतरने से पिता व उसके दो बेटों की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत दस लाख रुपये की मदद जल्द दे दी जाएगी। जबकि अन्य मदों से भी मदद की जाएगी।
कमलेश गोयल, एसडीएम मवाना
गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद अपराहन गांव शव पहुंचते ही एक बार फिर कोहराम मच गया। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई। उसके कुछ देर बाद तीन अर्थी एक घर से उठीं तो सारा गांव पीछे चल दिया। जिसमें बच्चे व बूढ़े भी थे। श्मशान घाट ले जाकर अलग-अलग तीन चिता बनीं और अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान पुलिस भी मौजूद रहे। वहीं, पूर्व विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि व योगेश वर्मा भी मौजूद रहे।
मदद का वादा
ऐंची में हादसे की सूचना कुछ देर में ही गांव व आसपास फैल गई। आलाधिकारियों के साथ विधायक दिनेश खटीक भी पहुंचे और पीडि़त परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन देकर दो लाख रुपये की आíथक अपनी ओर से देने की बात कही। वहीं, मुख्यमंत्री राहत कोष व अन्य मदों से मिलने वाली राशि के बारे में एसडीएम कमलेश गोयल व बिजली विभाग के एक्सइएन प्रवीण कुमार से जानकारी लेकर जल्द ही उपलब्ध कराने के आदेश दिए। वहीं, ब्लाक प्रमुख ब्रहम सिंह ने एक लाख रुपये देने की घोषणा की।
सांत्वना देने वालों का लगा तांता
सूचना मिलने के बाद भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हरेंद्र जाटव, जिला पंचायत सदस्य विकास उपाध्याय, सुंदर चौधरी, बलराज गुर्जर, नीटू प्रधान, अंकुश, कमल सिंह आदि सैकड़ो लोग पहुंचे और पीडि़त स्वजन को सांत्वना दी।
गांव में नहीं जले चूल्हे
ऐंची में सुबह चंद ही लोगों की आंखे खुली थी जबकि आधे से ज्यादा लोग नींद के आगोश में थे। जैसे ही चींख पुकार मची और तीन मौत की जानकारी पहुंची तो जो जैसा था वह मौके की तरफ दौड़ लिया। वहीं, शव जाने और पोस्टमार्टम के बाद मर्चरी हाउस से शव आने तक चूल्हे नहीं जले। पूरे गांव में मातम छाया रहा।
हादसा सबके लिए सबक
रात से लगातार हो रही बारिश व केबल में हुए फाल्ट से दिन निकलते ही तीन जान लील गया। काश यह गेट से दूर होता तो जाने नहीं जाती। उधर, अन्य के लिए सबक दे गया कि बारिश से बिजली के तारों को व्यवस्थित रखें नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता है। जबकि घरों के आसपास कटे तार कभी भी बड़ा हादसा खड़ा कर सकते हैं।