- कुछ दिन पहले दौराला के टोल प्लाजा पर हो गई थी किसान सोहनवीर की हत्या
- आरोपियों को बताया निर्दोष, टोल कर्मियों पर सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने का आरोप
- पुलिस प्रशासन के खिलाफ एसएसपी ऑफिस पर पंचायत करने का किया ऐलान
Meerut । तीन फरवरी को दौराला थाना क्षेत्र के टोल प्लाजा पर हुई किसान सोहनवीर की हत्या में तीन युवकों को जेल भेजने के मामले में पुलिस का घेराव किया गया। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को तीनों आरोपियों को निर्दोष बताते हुए एसएसपी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। सीओ कैंट हरिमोहन सिंह के सामने एसएसपी ऑफिस पर धरने पर बैठ गए। भाकियू कार्यकर्ताओं ने तीनों युवकों की रिहाई न होने पर होली के बाद बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। पुलिस के खिलाफ महापंचायत का ऐलान भी कर दिया। उधर, हंगामे के बाद एसपी सिटी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए, तब जाकर मामला शांत हुआ है.्र
क्या है मामला
बताते चलें कि दूल्हेड़ा निवासी सोहनवीर की टोल प्लाजा पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने टोल प्लाजा के कर्मचारियों और अधिकारियों पर किसान की हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में विशेष, विचित्रपाल और अजय नाम के आरोपी को जेल भेज दिया था। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता संजय दौरालिया के नेतृत्व में दर्जनों किसान ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे। किसानों ने एसएसपी कार्यालय परिसर में धरना देते हुए पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। संजय दौरालिया ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले में बिना जांच किए तीन निर्दोष युवकों को जेल भेज दिया है। जबकि एफआईआर में नामजद कराए गए सभी आरोपी अब तक खुले घूम रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए जेल भेजे गए तीनों युवकों को रिहा नहीं करेगी तब तक किसान चुप नहीं बैठेंगे।
जांच का आश्वासन
एसएसपी कार्यालय पर हंगामे की सूचना के बाद अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। सीओ हरिमोहन सिंह ने एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने फोन पर किसान नेताओं से बातचीत करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। जिसके बाद किसान शांत हुए। हालांकि संजय दौरालिया ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में होली तक कोई हल नहीं निकला तो किसान बड़े आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे।
टोल कर्मियों पर हो कार्रवाई
किसानों ने आरोप लगाया कि टोल के कर्मियों ने पूरी सीसीटीवी डिलीट कर दी है। उसमें ही पूरी घटना की सच्चाई है। टोल के मैनेजर और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तो पूरी घटना से पर्दाफाश हो जाएगा और निर्दोष जेल से बाहर आ जाएंगे।