मेरठ (ब्यूरो)। सूत्रों की मानेें तो गुजरात, बिहार व पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सीसीएस यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने का बड़ा खेल चल रहा है। इसका खुलासा इन राज्यों से सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग में सत्यापन के लिए आने वाली डिग्री और मार्कशीट के बाद हुआ है। यूनिवर्सिटी में इस साल जनवरी से लेकर अभी तक चार राज्यों से करीब 600 मार्कशीट विजिलेंस विभाग की जांच में फर्जी पाई गई हैैं।
चार सेंटर्स का खुलासा
सूत्रों के हवाले से ये जानकारी भी सामने भी आई है कि गुजरात से विजिलेंस विभाग में सत्यापन के लिए आई फर्जी डिग्री और मार्कशीट वहां के विपुल भाई-अमृतभाई पटेल हाइटेक कंप्यूटर, अरुण जी कंप्यूटर कोचिंग सेंटर, वंदना श्यामलकेतु बरुआ- बरुआ ट्योटोरियल एजुकेशन और सोशल नेटवर्क हेल्प एंड समर एंड कंप्यूटर सेंटर पर बनाई जा गई हैैं। इन सेंटरों पर गुजरात पुलिस व बिहार पुलिस ने 132 मार्कशीट पकड़ी हैं। पश्चिमी बंगाल के स्टूडेंट खुद सीसीएसयू के नाम पर ली गई मार्कशीट का सत्यापन करा रहे हैं, इनकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी में जांचने के बाद सामने आई है।
कैंपस पहुंची थी पुलिस
सूत्रों की मानें तो बिहार और गुजरात पुलिस मार्कशीट और डिग्री की सत्यापन रिपोर्ट लेने कैंपस पहुंची थी। वहीं ये जानकारी भी सामने आ रही है कि पश्चिम बंगाल पुलिस भी यूनिवर्सिटी के संपर्क में है और कभी भी की टीम यूनिवर्सिटी आ सकती है। सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग के सदस्य अरुण ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।
फैला है जाल पूरा
यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जी मार्कशीट देने और स्टूडेंट्स को पास कराने का यह खेल बिहार, गुजरात, पश्चिमी बंगाल और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में चल रहा है। स्टूडेंट्स को दी गई मार्कशीट और डिग्री पर गलत ढंग से सत्यापन कराने के लिए एनसीआर में नेटवर्क भी सक्रिय है। यह नेटवर्क इन राज्यों से आ रही डिग्री और मार्कशीट का यूनिवर्सिटी से सत्यापन कराने का काम करता है। हाल में ही यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एवं विजिलेंस अधिकारी के नाम पर फजी डिग्री और मार्कशीट की सत्यापन रिपोर्ट बनाकर एंबेसी भेजी गई। मगर पता गलत होने के चलते रिपोर्ट सीसीएस यूनिवर्सिटी पहुंच गई। जांच के बाद पता चला कि यह रिपोर्ट गलत ढंग से तैयार की गई थी।
कोड, नाम और कलर गलत
विजिलेंस विभाग के सत्यापन में कई चीजें सामने आ रही हैं, जिनसे आसानी से पता चल जा रहा है कि डिग्री और मार्कशीट फर्जी हैैं। किसी डिग्री व मार्कशीट में कोड के एक नंबर में दिक्कत हैै तो किसी के नाम के साइज और फॉन्ट में चेंज हैैं। वहीं किसी मेें कलर हल्का और गाढ़ा हो जा रहा है।
फर्जी डिग्री और मार्कशीट के मामले में जांच चल रही है। इस मामले में अन्य राज्यों की पुलिस भी संपर्क में है। पुलिस अपने स्तर पर जांच में जुटी हैं।
धीरेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू