मेरठ (ब्यूरो)। इस बार बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, अरूणाचल प्रदेश के साथ उत्तराखंड का नाम भी फर्जी डिग्री-मार्कशीटके खेल में जुड़ गया है। उत्तराखंड से बीते दिनों 132 डिग्री-मार्कशीट सीसीएसयू में जांच के लिए आई थी। जिनमें से 35 डिग्री-मार्कशीट फर्जी पाई गई हैैं।

35 डिग्री-मार्कशीट फर्जी मिली
सूत्रों की मानें तो बीते दिनों उत्तराखंड की 132 डिग्री-मार्कशीट जांच के लिए सीसीएसयू में पहुंची थी। जिसके बाद विजिलेंस विभाग ने 15 दिन तक पहले चरण की जांच की। जिसमें 35 डिग्री-मार्कशीट फर्जी पाई गई। बाकी की दूसरे चरण की जांच अभी होनी है।

कोड, नाम और कलर गलत
सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग के सदस्य अरुण ने बताया कि सत्यापन में कई चीजें सामने आ रही हैं। जिनसे आसानी से पता चल जा रहा है कि डिग्री-मार्कशीट फर्जी हैं। किसी डिग्री-मार्कशीट में कोड के एक नंबर में दिक्कत हैै तो किसी के नाम के साइज और फॉन्ट में चेंज हैै। वहीं किसी डिग्री-मार्कशीट मेें कलर हल्का और गाढ़ा हो जा रहा है।

उत्तराखंड में कई सेंटर
उत्तराखंड से सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग में जांच के लिए आई 132 डिग्री-मार्कशीट में से जो 35 फर्जी पाई गई हैैं। उनमें से पांच सरकारी नौकरी पाने के लिए और 30 प्राइवेट कंपनी में नौकरी पाने के लिए लगाई गई थी। सूत्रों की मानें तो ये सभी डिग्री-मार्कशीट उत्तराखंड के लालजी हाइटेक कंप्यूटर वाले, सुमनेश शर्मा सुमन एंड कंप्यूटर सेंटर, मुरारीलाल बेसिक कंप्यूटर सेंटर पर बनाई गई थी।

142 फर्जी डिग्री-मार्कशीट
सूत्रों के हवाले से ये जानकारी भी सामने भी आई है कि उत्तराखंड के अलावा गुजरात से विजिलेंस विभाग में सत्यापन के लिए आई फर्जी डिग्री-मार्कशीट वहां के विपुल भाई-अमृतभाई पटेल हाइटेक कंप्यूटर, अरुण जी कंप्यूटर कोचिंग सेंटर, वंदना श्यामलकेतु बरुआ, बरुआ ट्योटोरियल एजुकेशन और सोशल नेटवर्क हेल्प एंड समर एंड कंप्यूटर सेंटर द्वारा बनाई गई थी। इन सेंटरों पर गुजरात पुलिस ने 142 फर्जी डिग्री-मार्कशीट पकड़ी थी।

प्रतिदिन 30-40 डिग्री-मार्कशीट
बता दें कि सरकारी या प्राइवेट नौकरी मिलने के बाद प्रमाण पत्रों का संबंधित स्कूल कालेज और विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्रतिदिन 30 से 40 डिग्री-मार्कशीट सत्यापन के लिए आती हैं।

11 ने पाई सरकारी नौकरी
बीते मई माह में सामने आया था कि सीसीएसयू की फर्जी डिग्री-मार्कशीट लगाकर 11 युवकों ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग में मत्स्य विकास अधिकारी के पद पर नौकरी पा ली थी। सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग के सत्यापन के बाद मामला पकड़ में आया था।

350 रुपये में सत्यापन
डिग्री-मार्कशीट का सत्यापन 350 रुपये देकर कोई भी करा सकता है। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो शादी के लिए भी प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराते हैं कि कहीं युवक-युवती द्वारा दी गई डिग्री-मार्कशीट फर्जी तो नहीं है।

40 हजार से एक लाख तक
सूत्रों से ये जानकारी भी मिली है कि यूनिवर्सिटी के नाम पर देश के कई राज्यों में 40 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक में फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार किए जा रहे हैैं। यूनिवर्सिटी में इस साल जनवरी से लेकर अभी तक पांच राज्यों से करीब 792 डिग्री-मार्कशीट विजिलेंस विभाग की जांच में फर्जी पाई गई हैैं।

यूनिवर्सिटी में अक्सर फर्जी डिग्री-मार्कशीट का खेल पकड़ में आता रहता है। फिर भी इस पर लगाम नही कसी जाती है।
सूर्य प्रकाश

यूनिवर्सिटी में पहले भी कई बार फर्जी डिग्री-मार्कशीट पकड़ी जा चुकी हैं। मगर मामला केवल सत्यापन तक सीमित रहता है।
छवि त्यागी

फर्जी डिग्री-मार्कशीट के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को बंद किया जाना चाहिए। ऐसा तभी होगा जब इस बाबत कोई कड़ा कानून बनेगा।
महताब मूसा

सीसीएसयू में कभी एमबीबीएस परीक्षा में कॉपी बदलने का मामला सामने आता है तो कभी नकली डिग्री-मार्कशीट का। इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जानी चाहिए।
विक्रांत चौधरी

फर्जी डिग्री और मार्कशीट के मामले में जांच चल रही है। उत्तराखंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश समेत कई जगह के मामले सामने आए हैं। इस मामले में कई राज्यों की पुलिस भी संपर्क में है। हम अपने स्तर पर जांच कर रहे हैैं और पुलिस अपने स्तर पर जांच में जुटी हैं।
धीरेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू