मेरठ (ब्यूरो)। चौदह जिलों का भार संभाल रहा मेरठ का मेडिकल कॉलेज अभी तक भी जले हुए गंभीर मरीजों का इलाज करने में सक्षम नहीं हो सका है। तीन साल पहले यहां बर्न यूनिट बनने की कवायद शुरु जरूर हुई थी। साल भर में ही इसे मरीजों के लिए चालू होना था लेकिन अभी तक भी यहां काम ही पूरा नहीं हुआ है। यहां आने वाले मरीज अभी भी मरहम पट्टी के भरोसे ही है। वहीं गंभीर मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली-मुंबई के चक्कर काटने पड़ रहे है ।
एडवांस टेक्नोलॉजी से मिलना था इलाज
एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में जले हुए मरीजों के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस बर्न यूनिट बनने का प्रस्ताव पास हुआ था। इसी के मददेनजर पांच करोड़ की लागत से एडवांस यूनिट बनाई जानी थी। मरीजों को इंफेक्शन से बचाने के लिए बैक्टीरिया फ्री बनाया गया। यहां इक्यूपमेंट्स भी एडवांस लगाए गए। तीन करोड़ की लागत से तीन मंजिला यूनिट का निर्माण किया गया। ऑटोमेटेड बेड भी लगाए गए हैं लेकिन मरीजों को एडमिट करने का काम शुरु नहीं हुआ है।
ये नहीं है सुविधा
बर्न यूनिट में अभी तक भी ऑक्सीजन सप्लाई शुरु नहीं हुई है। स्टॉफ भी पूरा नहीं है। ऑपरेशन थियेटर के लिए मेज और कई तरह के उपकरण भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इस वॉर्ड में एसिड विक्टिम्स के लिए भी अलग से स्पेशल केयर वॉर्ड बनने थे वो भी अभी तक तैयार नहीं हो पाएं हैं।
मेरठ में नहीं है इलाज
जले हुए मरीजों के लिए मेरठ के सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल में भी अभी तक बर्न यूनिट शुरु नहीं हुई है। वहीं मेडिकल कॉलेज में पुरानी यूनिट में सिर्फ प्राइमरी इलाज ही उपलब्ध है।ऐसे में किसी भी बड़ी आगजनी या हादसे में मरीजों को इलाज देना संभव नहीं होगा।
फैक्ट फाइल पर एक नजर
40 से 45 जले हुए गंभीर मरीज मेडिकल कॉलेज में हर महीने आते हैं।
20 बेड जनरल वॉर्ड में हैं।
5 बेड आईसीयू में है।
2 ऑपरेशन थियेटर हैं।
10 मई 2022 को यूनिट का लोकार्पण हुआ था।
पांच करोड़ कुल बजट यूनिट के लिए प्रस्तावित हुआ।
3 करोड़ रूपये से अधिक खर्च हो चुके है।
40 लाख रुपये का बजट ऑक्सीजन पाइपलाइन की फिटिंग में होना है।
3 साल बाद भी नहीं हो सका काम पूरा
14 जिलों के मरीज मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचते हैं।
700 एकड़ से अधिक जमीन पर बना है कॉलेज
इनका है कहना
मेरठ में बर्न यूनिट की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज में काफी जिलों के मरीज आते है। दूर से आने वाले मरीजों को यहां काफी परेशानी होती है। मरीजों को जल्द ही ये सुविधा मिलनी चाहिए।
रवि कुमार
मेरठ में कई आगजनी के कई बड़े हादसे हो चुके है। उनसे सबक लेना चाहिए। प्राइवेट में महंगा इलाज होता है। लोगों को सरकारी से उम्मीद होती है। जल्द ही ये सेवा लोगों के लिए शुरु होनी चाहिए।
अमित सब्बरवाल
दिल्ली या दूसरे शहरों में बाहर के मरीजों को परेशानी होती है। अपने शहर में इलाज की बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए। बजट भी मिल रहा है। बिल्डिंग भी है तब लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए।
सूरज कुमार
जल्द से जल्द बर्न यूनिट को तैयार करने का कार्य करवाया जा रहा है। जो इक्यूपमेंट नहीं है उसके लिए शासन से पत्राचार कर रहे है। स्टॉफ के लिए भी शासन को पत्र भेजा गया है। अभी सामान्य मरीजों को एडमिट करने की व्यवस्था है। कुछ मरीजों को एडमिट किया भी गया है।
डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज