मेरठ (ब्यूरो)। शहीद मंगल पांडे कॉलेज के इतिहास विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसका विषय महाकाव्य एवं पुराण सन्यास के विशेष संदर्भ में रहा। प्रिंसिपल डॉ। अंजू सिंह ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। राधा रानी व शालिनी वर्मा व उनकी स्टूडेंट्स ने सरस्वती वंदना की। संगोष्ठी की समन्वयक इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। अनीता गोस्वामी ने विषय पर प्रकाश डाला।
मुख्य पात्र हैं श्रीराम और श्रीकृष्ण
प्राचार्य डॉ। सिंह ने कहा कि भारत की गौरवशाली व समृद्ध परंपरा को वहन करने वाले हमारे महाकाव्य और पुराण भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। इन महाकाव्यों के मुख्य पात्र श्री कृष्ण और श्रीराम का चरित्र अलौकिक जीवन, हमारी युवा पीढ़ी का पथ प्रदर्शित करने वाला है। सन्यास की गौरवशाली परंपरा अनवरत व गतिशील रहकर समाज का मार्गदर्शन कर मोक्ष प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त करने वाली है। मुख्य अतिथि जीपनदीप आश्रम रुड़की ने अपनी अमृतवाणी में महाभारतकाल में 24 यूनिवर्सिटीज का वर्णन किया। कहा कि यूनिवर्सिटी संपूर्ण विश्व के लोग आकर अध्ययन करते हैं। उन्होंने भारत की विशेषताओं की चर्चा करते हुए कहा कि विश्व का हर रईस जब भी दिग्भ्रमित होकर लडख़ड़ाया, लक्ष्य की पहचान करने इस धरा के पास आया। साधु वह है जो चल रहा है। संत वह है जो पहुंच चुका है।
पुराण का अर्थ है पुरानी बातें
विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी राजीव गुप्ता ने सन्यास को वैराग्य बताया। कहा पुराण का अर्थ है पुरानी बातें। उन्होंने भागवत को भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, तत्व रूप में परिभाषित किया। कहा कि भक्ति के माध्यम से ही ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ज्ञान और वैराग्य की आवश्यकता है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ। अनीता गोस्वामी ने संगोष्ठी की विषय स्थापना करते हुए कहा कि अंग्रेजी का ऐसेटिक शब्द यूनान के एथलीट से लिया गया है। उन्होंने सन्यासी के रूप में पितामह भीष्म का उदाहरण दिया। कहा कि हमारे पुराण महाभारत, गीता में जीवन का सार है। जब भी हम निराश हों तो इन पुराणों को पढ़ें।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर आयोजन सचिव डॉ। राजकुमार सिंह ने उपस्थित सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। प्राध्यापक डॉ। भारती दीक्षित, डॉ। लता, डॉ। ममता सागर, डॉ। स्वर्णलता, डॉ। अमर ज्योति, डॉ। पारुल मलिक, डॉ। राजीव कुमार, डॉ। राकेश कुमार, डॉ। मंजू रानी, डॉ। सुधा रानी सिंह, डॉ। कुमकुम, डॉ। गौरी आदि उपस्थित रहे।