मेरठ (ब्यूरो). बारिश भले ही साल में एक बार होती है। लेकिन, शहर के कुछ इलाके ऐसे हैं जो पूरे साल जलभराव के रूप में उस बारिश का दंश झेलती हैं। इसका सबसे बेहतर उदाहरण शहर के सबसे प्रमुख इंडस्ट्रीयल एरिया मोहकमपुर में देखने को मिलता है। मानसून बीते छह माह से अधिक समय हो चुका है। लेकिन, यहां अभी तक भी जगह-जगह जलभराव की स्थिति है। इसके अलावा इंडस्ट्रीज में कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था जीरो है। जिसके कारण जगह-जगह कूड़ा आम सी बात है। यह अनदेखी इसलिए है क्योंकि मोहकमपुर अभी तक लावारिस है और नगर निगम ने अभी तक एडोप नहीं किया है। इसलिए यहां के उद्यमी बारिश न होने की दुआ मांगते हैं।
नालियां ओवर फ्लो, कचरा ऑन रोड
मोहकमपुर शहर का प्रमुख इंडस्ट्रियल एरिया है। यहां आईआईए भवन समेत सैकड़ों इंडस्ट्रीज हैं। इसके बावजूद आज तक यह क्षेत्र विकास की मूलभूत जरूरतों को तरस रहा है। सबसे बड़ी बात ये कि इस पूरे एरिया में जल निकासी के लिए सीवरेज सिस्टम नगर निगम आज तक नहीं बना पाया है। केवल नालियों पर यहां की इंडस्ट्रीज का जल निकासी का सिस्टम निर्भर है। जबकि बरसात में यह नालियां ओवर फ्लो हो जाती हैं और नालियों का पानी बड़े नाले में जाने के बजाए सड़कों पर ही भर जाता है। इसका नतीजा है कि मोहकमपुर की मेन रोड पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे हैं, जो बरसात में कीचड़ से भर जाते हैं। इस दौरान इन सड़कों से गुजरना दूभर हो जाता है।
सड़क से पार्क तक जलभराव
हर साल जरा सी बारिश के दौरान मोहकमपुर की सड़कें पानी से भर जाती हैं। इतना ही नहीं, कई इंडस्ट्रीज में अंदर तक पानी भर जाता है। तेज बारिश में हर साल आईआईए भवन तक में पानी भरा रहता है। सीवर व नाले जाम होने के कारण यहां से पानी कई कई दिन तक नहीं निकल पाता है। वहीं, जब पानी उतरता है तो सड़कें कच्ची होने के कारण पूरी तरह कीचड़ से पट जाती हैं। जिसमें दोपहिया तो क्या चौपहिया वाहन भी फंस जाते हैं। आईआईए द्वारा कई सालों से जल निकासी के लिए नालों को साफ करने की मांग की जा रही। लेकिन, नाले साफ न होने के कारण जल निकासी की व्यवस्था चौपट है।
टैक्स के बाद भी लावारिस
शहर के ये इंडस्ट्रियल इलाके नगर निगम सीमा में शामिल नहीं हैं। करीब 42 साल पहले इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया गया था। लेकिन, आज तक नगर निगम ने एडोप नहीं किया है। इसलिए यह क्षेत्र सभी मूलभूत सुविधाओं से महरूम भी हैं और नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स से लेकर वाटर टैक्स तक वसूला जाता है।
फैक्ट-
- 1980 में विकसित हुआ था मोहकमपुर
- 250 इंडस्ट्रीज का हो रहा फेज वन और टू में संचालन
- स्पोटर्स, ट्रांसफार्मर और प्लास्टिक इंडस्ट्रीज प्रमुख
समस्याएं-
- जल भराव
- सीवरेज ना होना
- कूड़ा कलेक्शन ना होना
- डस्टबिन तक की व्यवस्था नहीं
- सड़कों की हालत खस्ता
- सड़क में गड्ढे
कोट्स
मोहकमपुर विकास के नाम पर पूरी तरह से लावारिस है। नगर निगम इसकी जिम्मेदारी लेता नहीं है। हम पिछले कई सालों निगम और प्रशासन से मांग कर रहें कि मोहकमपुर एरिया के सीवरेज सिस्टम को बनाया जाए। मगर, यहां सीवर तो दूर की बात, नालों तक की सफाई कई साल से नहीं हुई है। जिस कारण से पानी नहीं निकल पाता है।
- अनुराग अग्रवाल, डिवीजनल चेयरमैन, आईआईए
यहां जलभराव होने का प्रमुख कारण है जलनिकासी न होना। मोहकमपुर में नालियों की व्यवस्था पूरी तरह से खराब है और जगह-जगह नालियां बंद हैं। पानी नाले तक जाने के बजाए सड़क पर ही भर जाता है। सड़कें कच्ची हैं इसलिए जरा सी बारिश से कीचड़ हो जाता है।
- सुमनेश अग्रवाल, अध्यक्ष आईआईए
जब तक मोहकमपुर और उद्योगपुरम से जुड़े नालों की व्यवस्था सही और उनकी पूरी तरह सफाई नहीं होगी। तब तक जलभराव की समस्या बनी रहेगी। मेवला फाटक से खड़ौली गांव तक जो नाला बनाया गया है, वह केवल इंडस्ट्रीज के लिए बना था। मगर, अब इस नाले में सभी क्षेत्रों का पानी जाता है इसलिए यह नाला ओवर फ्लो हो गया है।
- अतुल भूषण गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आईआईए