मेरठ (ब्यूरो)। साल 2022 में इंजीनियरिंग पढ़ाई का पैटर्न ही बदल गया है। अब कॉलेजों में कंम्प्यूटर साइंस स्टूडेंट्स की पहली पंसद है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस जैसे उभरते क्षेत्रों के साथ कम्प्यूटर साइंस ही कॉलेजों में चल पा रही है। सिविल इंजीनियरिंग और इस्ट्रमेंटेशन इंजीनियरिंग सहित कई ब्रांच या तो बंद हो गई है या स्टूडेट्स है ही नहीं। अधिकांश कॉलेजों ने इन ब्रांच को बंद करते हुए अपने यहां कम्प्यूटर साइंस ब्रांच की इंटेक बढ़वा ली है। मेरठ के तकनीकी कॉलेजों में यही हाल है।
यह है स्थिति
- 61 ब्रांच बंद हुई हैं प्रदेश में 2021-22 में
- 7 कॉलेज मेरठ में पूरी तरह से बंद हो गए 2021-22 में
- 3 कॉलेज इसी साल में बंद हुए हैं मेरठ में
- 318 इंजीनियरिंग कॉलेज 2012-13 में थे प्रदेश में
- 221 इंजीनियरिंग कॉलेज ही मात्र रह गए हैं प्रदेश में
- 30 इंजीनियरिंग कॉलेज 2012 -13 में थे मेरठ में
- 20 ही इंजीनियरिंग कॉलेज रह गए हैं मेरठ में
ऐसा बदला है ट्रेंड
श्रेणी 2012-13 2021- 2022
सीटें 145312 84778
रजिस्टे्रशन 81475 44085
पास 49867 26217
प्रदेश में निकले 26 हजार इंजीनियर
यूपी में 2021-22 में 26 हजार 217 स्टूडेंट्स कॉलेजों से इंजीनियर बनकर निकले थे। मेरठ में अभी 20 कॉलेजों में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो पा रही है। इसमें भी चुनिंदा कॉलेजों है जिनमें स्टूडेंट की पर्याप्त संख्या है। बाकी कॉलेजों में क्लासेज चलाने तक को स्टूडेंट तक नहीं मिल पा रहे हैं। 2012-13 मेरठ में 30 कॉलेज थे।
एआई का बढ़ रहा क्रेज
आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज के इंजीनियरिंग विभाग के निदेशक डॉ। संजीव माहेश्वरी ने बताया कि हाल के वर्षो में इंजीनियरिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। पहले मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक ब्रांच स्टूडेंट की पसंद थी। बदलते समय में अब बीटेक सीएस, सीएससी विद एआईएमएएल, पहली पंसद है। व्यापक संभावनाओं के बीच स्टूडेंट इन कोर्स में एडमिशन ले रहे हैं। बीटेक-सीएस के बाद स्टूडेंट कम्प्यूटर के क्षेत्र में सफलता पाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। स्टूडेंट इसी के अनुसार ब्रांच चुन रहे हैं।
सीएस में ज्यादा प्लेसमेंट
आईआईएमटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर और असिस्टेंट प्रोफेसर बोधिसत्व शील ने बताया कि आजकल सीएस, ईसी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी ब्रांच स्टूडेंट््स की पहली पसंद हैं। इन सभी में व्यापक संभावनाओं के चलते ही स्टूडेंट्स इनमें अधिक एडमिशन ले रहे हैं। बीटेक -सीएस के बाद स्टूडेंट्स कम्प्यूटर के क्षेत्र में ही सफलता पाता है, वहीं इंटेलिजेंस का प्रयोग भी बहुत बढ़ रहा है, इन ब्रांच में प्लेसमेंट भी काफी बेहतर है, इसलिए इनको ही अधिक चुना जा रहा है।
बाकी ब्रांच में कम है रुझान
राधा गोविंद इंजीनियरिंग कॉलेज की ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ। ऋतु पंवार ने बताया कि सीएस और ईसी ब्रांच अच्छी चल रही है, बाकी ब्रांच में रुझान कम है, कम्प्यूटर साइंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान के स्टूडेंट्स की पहली पसंद बनी हुई है, इन ब्रांच में प्लेसमेंट भी अच्छे हुए हैं, कम्पनियों की प्राथमिकता अब स्किल्ड स्टूडेंट्स ही हैं। कॉलेज उनके लिए मायने नहीं रखता है, स्टूडेंट ने किसी भी कॉलेज से क्यों न पढ़ाई की हो, यदि वहीं स्किल्ड हैं तो कम्पनियां उसे हायर कर रही हैं।
धीरे धीरे बढ़ रहा रुझान
इंजीनियर आदित्य श्रीवास्तव ने बताया कि मैने 2016 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच से इंजीनियरिंग पास की है अच्छी रैंक के साथ। इस समय मैं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में एसआर प्रोजेक्ट मैनेजर कार्स 24 फाइनेनशियल सर्विस में जॉब कर रहा हूं, काफी सक्सेस मिली है इसकी खुशी है। इंजीनियरिंग मानव जाति के लिए जाना जाने वाला सबसे रोमांचक व बहुमुखी करियर है।