मेरठ, (ब्यूरो) । शहर में हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण का सबसे प्रमुख बिंदु शहर में साफ सफाई और कूड़े का निस्तारण रहता है। शहर में तीन प्रमुख जगहों पर कूड़े का ढेर हर साल यहीं निगम की रैकिंग बिगाड़ रहा था, लेकिन गत एक साल में निगम ने इस कूड़े के ढेर पर काम किया। कूड़े का पहाड़ को खत्म कर दिया। इसमें सबसे प्रमुख रहा गांवडी में कूड़ा निस्तारण प्लांट का संचालन जिससे गांवड़ी में साल 2021 में कूड़े का ढेर पूरी तरह रिसाइकल कर खत्म कर दिया गया। वहीं दूसरा लोहिया नगर में उससे दोगुनी क्षमता के कूड़ा निस्तारण प्लांट का शुभारंभ कर दिया गया जिससे वहां भी कूड़े का तेजी से निस्तारण शुरु हो गया है। इससे पिछले डेढ़ साल में आठ लाख टन कूड़े का निस्तारण किया।
अस्थाई खत्तों पर हुआ काम
वहीं शहर की गलियों में कूड़े के ढेर को कम करने के लिए अस्थाई खत्तों की संख्या कम कर उनको विलोपित कूड़ा स्थल में बदल कर सौंदर्यीकरण का काम किया गया। इसमे दिल्ली रोड, हापुड़ रोड बिजलीघर, जानवरों के अस्पताल के पास व सरधना रोड स्थित खत्ते खत्म कराए। इस तरह कूड़ा निस्तारण के मामले में तेजी से कार्य हुआ। कूड़ा गाडिय़ों में जीपीएस का प्रयोग किया गया। पिंक टायलेट बनवाए गए।
इन प्रयासों से सुधरी रैंकिंग
- गांवड़ी व लोहियानगर में कूड़ा निस्तारण प्लांट की स्थापना
- गांवड़ी स्थित प्लांट के 90 प्रतिशत कूड़े का निस्तारण
- लोहियानगर में दोगुनी क्षमता से कूड़े रिसाइकलिंग की शुरुआत
- मुख्य रोड से कूड़ा उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली व वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए जीपीएस से मानिटरिंग
- अस्थाई कूड़ाघर विलोपित कर उस स्थान पौधारोपण कर सौंदर्यीकरण
- स्वच्छ सर्वेक्षण के मानकों के अनुसार सभी कार्यों का प्रतिदिन निरीक्षण
- शहर में जगह जगह वॉल पेंटिंग, स्लोगन से जागरुकता का प्रयास
- ब्रांड एंबेसडर बनाकर शहर के वार्डों में जागरुकता का प्रयास
- सुलभ इंटरनेशनल व सुगम समाज आदि संस्थाओं से शौचालयों का रखरखाव
- महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन, इंसीनेटेर, फीडिंग रूम की सुविधाओं की शुरुआत
- शहर में आठ पिंक और ब्लू टायलेट का संचालन शुरु हुआ
- गीले कूड़े को खाद बनाने व सूखे कूड़े को आरडीएफ प्लांट में भेजने की शुरुआत
- पार्कों में हार्टीकल्चर वेस्ट से खाद बनाने के लिए कंपोस्ट पिट बनाए गए
- कंपोस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए सोसाइटीज और स्कूल कालेज में ट्रेनिंग
- 72 एमएलडी एसटीपी सीवरेज का अलग अलग जगह पर उपयोग
- शहर की सड़कों पर स्वीपिंग मशीन से धूल हटाने का प्रयास
- वाटर स्प्रिंकलर वाहन से शहर में पानी का छिड़काव
- वेस्ट टू आर्ट के अंतर्गत पुराने टायरों के उपयोग कर विवि रोड का सौंदर्यीकरण
17. 50 करोड़ से होगा सुधार
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की रैकिंग में सुधार के लिए नगर निगम अपने कोष से कुछ प्रमुख सुधार करेगा। 15वें वित्त आयोग का करीब 17.50 करोड़ रुपया शहर के विकास में खर्च किया जाएगा।
ऐसे होगा खर्च
5.46 करोड़ रुपये
स्वच्छ भारत मिशन सेल और वाहन डिपो के कार्य पर खर्च होगा।
3 करोड़ रुपये
गांवड़ी में फ्रेश कूड़े के निस्तारण प्लांट के लिए शेड व मशीनरी पर खर्च
5.08 करोड़ रुपये
कूड़ा गाडिय़ों और मशीनों की खरीदी पर खर्च होगा
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2.45 करोड़ रुपये
शहर के पार्कों के सौंदर्यीकरण पर होगा खर्च
2 करोड़ रुपये
शहर के दो चौराहों पर ग्रीन बेल्ट और पार्किंग होगी विकसित
3 करोड़ रुपये
सीएंडडी वेस्ट प्लांट का निर्माण
- 6 करोड़ रुपये
प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल रूम समेत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व जल प्रबंधन का विकास
- 13.22 करोड़
जलापूर्ति और 9.70 करोड़ सीवर के काम के लिए
- 12. 00 करोड़
अमृत योजना के तहत खर्च होंगे
अभी तक जो प्रयास किए गए हैं उनका श्रेय है रैकिंग में सुधार। अभी कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनका शत प्रतिशत विधिवत क्रियान्वयन शहर की रैकिंग में ओर अधिक सुधार लाएगा।
- मनीष बंसल, नगरायुक्त