मेरठ (ब्यूरो)। आरआरटीएस मेरठ साउथ से आगे परतापुर, रिठानी और शताब्दी नगर स्टेशनों में बनाए गए सहायक सबस्टेशन (एएसएस) में बिजली आपूर्ति शुरु हो गई है। इसके लिए विभाग ने इन्हें 33 केवी की क्षमता पर रिसीविंग सब स्टेशन से जोड़ दिया है। इन स्टेशनों में परतापुर और रिठानी मेट्रो स्टेशन, शताब्दी नगर आरआरटीएस स्टेशन शामिल है, जहां से नमो भारत की सुविधा यात्रियों को प्राप्त होगी।

बनाए जा रहे एएसएस
आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो के सभी स्टेशनों में विद्युत आपूर्ति के लिए एएसएस बनाए जा रहे हैं। जिनमें निर्धारित नजदीकी रिसीविंग सब स्टेशनों (आरएसएस) से विद्युत आपूर्ति की जाएगी। संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति के लिए कुल 05 आरएसएस दिल्ली के सराय काले खां, ग़ाजिय़ाबाद, मुरादनगर और मेरठ के शताब्दीनगर व मोदीपुरम में स्थापित किये गए हैं। जिनमें से गाजियाबाद, मुराद नगर और शताब्दीनगर आरएसएस बनकर तैयार हो चुके हैं। एनसीआरटीसी अपने सभी विद्युत् सब स्टेशनों, आरआरटीएस स्टेशनों एवं डिपो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हरित क्षेत्र, एलईडी बल्ब, प्राकृतिक रौशनी और वातानुकूलक का प्रयोग भी सुनिश्चित कर रहा है।

वायडक्ट निर्माण पूरा
मेरठ के इन तीनों स्टेशन के बीच वायडक्ट निर्माण पहले ही पूर्ण हो चुका है और वायडक्ट तैयार होने के बाद रेल ट्रैक बिछाने की गतिविधियां प्रगति पर हैं। इसके साथ ही ट्रेनों के संचालन के लिए ओएचई इन्स्टालेशन और सिग्नल्लिंग का कार्य भी प्रगति पर है। इस सेक्शन में विद्युत आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) से करार किया गया है। यूपीपीटीसीएल के ग्रिड सबस्टेशन से 220 केवी वोल्टेज पर बिजली एनसीआरटीसी के रिसीविंग सब स्टेशन तक आ रही है। यहाँ से 25केवी की बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए और 33केवी बिजली आरआरटीएस स्टेशनों के एएसएस के जरिए स्टेशनों की अन्य समस्त जरुरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।