मेरठ ब्यूरो। मंगलवार की सुबह से ही मेरठ सहित पूरे वेस्ट यूपी की हवा में धूल हावी रही। सुबह से ही धूल के कारण मौसम धुंधला बना रहा। घर से बाहर निकलते ही लोगों को सांस लेने में परेशानी से लेकर धूल के कारण आंखों मे जलन का सामना करना पड़ा। हालांकि इस बदले हुए मौसम ने जहां मंगलवार को गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाई, वहीं धूलभरी आंधी के कारण सांस लेना भी दूभर हो गया। मौसम वैज्ञानिकों ने पांच दिनों तक धूल भरी आंधी चलने की आशंका जताई है। वही डॉक्टर्स ने सांस के रोगियों के लिए यह धूल खतरनाक बताई है।
राजस्थान से आ रही धूल
मौसम विभाग की मानें तो मेरठ समेत एनसीआर के इलाकों में धूल भरी आंधी राजस्थान के ऊपर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र की वजह से रही है। चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण उत्तरी राजस्थान में धूल भरी आंधी और हल्की बारिश हो रही हैं। इस गतिविधि का असर अगले 3-4 दिनों तक मेरठ समेत एनसीआर में देखने को मिलेगा।
धूल से सांस लेना दूभर
धूल भरी हवा चलने से सुबह से ही शहर की सड़कों पर राहगीर और वाहन चालकों का सांस लेना तक दूभर हो गया। वहीं सांस के मरीजों को अत्याधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। बाजारों में लोगों ने चश्मा लगाकर व मुंह पर मास्क लगाकर घूमना शुरू कर दिया। मंगलवार को अधिकतम तापमान 38.0 और न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं आद्र्रता अधिकतम प्रतिशत 46 न्यूनतम प्रतिशत 28 दर्ज किया गया। संभावना है कि बुधवार को हल्के बादलों के बीच धूप खिलेगी।
आंधी चलने का अनुमान
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को दिल्ली व वेस्ट यूपी में मौसम पर पश्चिमी विक्षोभ का भी असर रहा। पश्चिमी विक्षोभ के कारण एनसीआर में मध्य व ऊपरी क्षोभमंडल में सक्रिय हो गया है। इसके चलते धूलभरी पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले 5 दिन तक मौसम शुष्क रहने व 18 मई को धूल भरी तेज हवा चलने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ का एक ट्रफ मध्य व ऊपरी क्षोभमंडल में सक्रिय है जिसके चलते धूलभरी पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। अगले 5 दिन तक मौसम शुष्क रहने व 18 मई को धूल भरी तेज हवा चलने की संभावना है।
- डा। सूर्य प्रताप शाही, मौसम वैज्ञानिक
ऐसा धूल का गुबार कभी कभार ही देखने को मिलता है। लेकिन यह धूल सांस के मरीजों के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। पहले से ही एलर्जी की समस्या से पीडि़त मरीजों को इस मौसम से बहुत सावधान रहने की जरुरत है। बाहर निकलें तो मास्क का इस्तेमाल करें। गाड़ी में हैं तो उसके शीशे बंद रखें।
- डॉ। वीरोत्तम तोमर, दमा रोग विशेषज्ञ