मेरठ (ब्यूरो)। महानवमी के अवसर पर डॉ। संजीव अग्रवाल की प्रेरणा से 200 से अधिक श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया। पूजा के साथ-साथ शांतिपूर्ण पुष्पांजलि समारोह एक मुख्य आकर्षण रहा। कार्यक्रम में अपर आयुक्त अमित कुमार सिंह एवम सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार मुख्य अतिथि रहे। पूजन प्रारंभ होने के साथ ही देवी का महिलाओं द्वारा श्रंगार कर नृत्य प्रस्तुति कर धनुचि आरती और नगाड़ों के साथ मां महिसासुरमंदनी का आह्वान कर छप्पन भोग लगाया और 200 से अधिक श्रद्धालुओं ने रक्तदान कर देवी को प्रसन्न किया। गौरतलब है कि वर्ष 2015 से डॉ संजीव अग्रवाल की प्रेरणा से परंपरागत रूप से देवी को दी जाने वाली बली प्रथा को समाप्त कर रक्तदान की शुरुआत की गई थी। 10वें वर्ष परंपरा को कायम रखते हुए 200 से अधिक श्रद्धालयों ने रक्तदान कर देवी को रिझाया।
हिन्दू मुस्लिम ने एकता का प्रतीक
विश्व कल्याण के लिए पूजन में सर्वसमाज हिन्दू मुस्लिम ने एकता का प्रतीक कायम करते हुए रक्त दान किया। 200 ने से 35 से अधिक मुस्लिमो ने डा। संजीव अग्रवाल के नेतृत्व में रक्तदान किया। आशुतोष अग्रवाल ने लोगो से आह्वान किया के जीवन दायनी मां भवानी को ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करे। मां जगदम्बा के अतिरिक्त केवल मानव रक्त ही मानव की जान बचा सकता है और रक्त को हम किसी फैक्ट्री में भी नही बना सकते। महादुर्गा महानावमी पूजन में अपरायुक्त मंडल अमित कुमार सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार मुख्य आरती करता के रूप में शामिल रहे और बली प्रथा को समाप्त कर रक्त दान की परंपरा की सराहना की।
15 सालों से चली आ रही परंपरा
गौरतलब है कि नील गली सार्वजनिक दुर्गा पूजा 15 वर्षों की परंपरा अनुरूप महादुर्गा महिसासुर मंदनी का पंडाल अपने प्रामाणिक बंगाली अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। कार्यक्रम में कोलकाता से आये कारीगरों ने सजावट कर पंडाल को सजाया। पंडाल को बेली, चमेली, गेंदा समेत कई तरह का फूल से सजाया गया है। गेट से लेकर पूरे परिसर को रंग बिरंगे बत्तियों से सजाया गया है। महा नवमी की सुबह से ही माता का दर्शन व पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। लोग माता का एक झलक पाने के लिए लोग व्याकुल थे।