मेरठ (ब्यूरो)। बीते वर्ष प्रदेश के विकास प्राधिकरणों की कालोनियों में अवैध निर्माणों को लेकर यूपी सरकार के आवास एवं शहर नियोजन विभाग ने एक सर्वे कराया था। जिसमें मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अवैध निर्माण के मामले में पूरे प्रदेश में छठे पायदान पर था। मेरठ की इस स्थिति को देखते हुए शासन ने सख्त निर्देश जारी किए। जिसके बाद मेडा ने अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। चार माह के दौरान शहर में 12 हजार से अधिक अवैध निर्माणों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार कर ली गई। मगर ये सूची एमडीए के किसी अधिकारी की मदद से नहीं बल्कि ड्रोन कैमरे की मदद से तैयार की गई है।

आसमान से निगरानी
मेडा ने 13 अक्तूबर 22 से अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए शहर में ड्रोन सर्वे की शुरुआत की थी। इसके लिए प्राधिकरण ने किराए पर चार ड्रोन लेकर सर्वे शुरू किया था। इस अभियान के तहत शहर के आउटर पर रोहटा रोड, पल्लवपुरम, किला रोड, गढ़ रोड पर सबसे अधिक अवैध निर्माण चिन्हित किए गए थे। वहीं शहर के अंदर सर्वे से पता चला कि लाला का बाजार, खैरनगर, बुढ़ानागेट, सुभाष बाजार, पूर्वा अहिरान, सुभाष बाजार, खंदक, पत्थरवालान, सुभाष नगर, गुदड़ी बाजार, गोला कुआं, लिसाड़ी रोड, भूमिया पुल रोड समेत शहर के पुराने इलाकों में संकरी गलियों में अवैध कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो गए है।

शहर के आउटर पर अवैध निर्माण
रोहटा रोड
पल्लवपुरम
किला रोड
गढ़ रोड

शहर के अंदर अवैध निर्माण
लाला का बाजार
खैरनगर
बुढ़ानागेट
सुभाष बाजार
पूर्वा अहिरान
सुभाष बाजार
खंदक
पत्थरवालान
सुभाष नगर
गुदड़ी बाजार
गोला कुआं
लिसाड़ी रोड
भूमिया पुल रोड

एक नजर में
12,349 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैैं मेडा के चार जोन में।
कोरोनाकाल के दौरान 2020 में 2,830 अवैध निर्माण हुए।
कोरोनाकाल के दौरान 2021 में 4,399 अवैध निर्माण हुए।
कोरोनाकाल के दौरान दो साल में कुल 7,229 अवैध निर्माण हुए।
140 से अधिक अवैध कॉलोनियों को बीते चार माह में अभियान चलाकर किया गया ध्वस्त।

कोरोनाकाल में बढ़े निर्माण
मेडा ने ड्रोन सर्वे में यह भी सामने आया कि शहर में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण कोरोनाकाल के दौरान हुए हैैं। मेडा ने शहर को चार जोन में बांटा है। जिनमें करीब 12 हजार 349 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैैं। इसमें कोरोनाकाल में 2020 में 2,830 अवैध निर्माण समेत 2021 में फिर लॉकडाउन के दौरान 4,399 अवैध निर्माण हुए। इन दो साल में कुल 7,229 अवैध निर्माण हुए। इनके निर्माण में मेडा के अफसर और स्टाफ पर भी मिलीभगत के आरोप लगातार लगते रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी अवैध निर्माण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मेडा तीन लाख 24 हजार रुपये से ड्रोन भी खरीद रहा है, जिसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

कॉलोनियां होंगी ध्वस्त
ड्रोन से किए गए सर्वे में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण और अनाधिकृत कब्जों का खुलासा होने बाद सभी को चिन्हित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। एमडीए द्वारा अभियान चलाकर 140 से अधिक अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जा चुका है। अवैध कालोनियों की सूची बनाकर एमडीए की वेबसाइट पर भी डाली जा चुकी है।

ड्रोन सर्वे के आधार पर चिन्हित भवनों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। ड्रोन सर्वे आगे भी जारी रहेगा।
चंद्रपाल तिवारी, सचिव