मेरठ (ब्यूरो)। शहर में मानसून ने तो दस्तक दे दी है, लेकिन नालों की साफ-सफाई के दावे बेमानी साबित हो गए हैं। जी हां, ऐसा ही हाल कैंट क्षेत्र का है। बीते साल की तरह इस बार भी कैंट में नालों की सफाई नहीं हो पाई है। हालांकि, नालों की सफाई के लिए विभाग ने 70 लाख रुपए की मशीन भी खरीदी थी। दावा था कि इससे नालों की साफ-सफाई कराई जाएगी। बावजूद इसके, आज तक नालों की सफाई न होने से बरसात में नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं।
सड़कों पर जलभराव
बारिश में पानी सड़कों तक पर आ जाता है। जलभराव और गंदगी के कारण लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। यहीं नहीं, नालों में गंदगी और बदबू के कारण संक्रामक बीमारियां भी फैल रहीं हैं। साथ ही लोगों को आवाजाही में भी दिक्कत होती है।
व्यापारियों ने उठाई समस्या
गौरतलब है कि बीते दिनों कैंट क्षेत्र में नालों की साफ-सफाई को लेकर व्यापारियों ने मुद्दा भी उठाया था। बीते दिनों नालों की गंदगी की समस्या को लेकर व्यापारियों ने रक्षा मंत्रालय को लेटर लिखा था। व्यापारियों ने कहा कि कैंट में नालों की सफाई न होने से मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
70 लाख के इक्यूपमेंट बेकार
दो साल पहले कैंट बोर्ड ने नाले की सफाई के लिए करीब 70 लाख रुपए के इक्यूपमेंट खरीदे थे।इनमें 15 लाख रुपए में एक क्रेन और 55 लाख रुपए में दो जेसीबी मशीन खरीदी गई थी, ताकि नालों की समुचित सफाई हो सके। हालत यह है कि अभी तक इन मशीनों को डिपो से निकाला तक नहीं गया है। यानि एक बार भी मशीनों का यूज तक नहीं किया गया है।
सफाई के दावे बेकार
कैंट बोर्ड का दावा है कि आबूलेन नाला, बॉम्बे बाजार, सदर बाजार, रजबन आदि जगहों पर नाला सफाई अभियान चलाया गया है।सफाई अभियान शुरू हुए भी काफी समय बीत चुका है। पर हकीकत यह है कि नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। हालांकि, सेनेट्री इंचार्ज एसके त्यागी ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही आबूलेन नाले और सदर बाजार सफाई का अभियान शुरू किया गया है। जल्द ही नालों की सफाई होगी।
कैंट क्षेत्र में नालों की सफाई का अभियान शुरू हो गया है। जल्द ही सभी जगह सफाई हो जाएगी।सारे इक्यूपमेंट का उपयोग किया जा रहा है। संबंधित विभाग के सदस्यों से बात कर इसकी जानकारी ली जाएगी। ज्योति कुमार, सीईओ