मेरठ (ब्यूरो)। बीते कई महीनों से शहर का एक्यूआई ग्रीन सिग्नल दे रहा था। मगर जैसे ही अक्टूबर की शुरुआत हुई वैसे ही शहर की आबोहवा दूषित होने लगी है। बिना मास्क सड़क पर निकलना दूभर हो गया है। हवा की स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि बीते 13 दिनों में मेरठ देशभर के टॉप-10 प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दोबारा शुमार हो गया है। हालांकि गत सप्ताह मेरठ तीसरे नंबर पर था और इस हफ्ते सातवें नंबर पर पर पहुंच गया है। ये हालात तब है जब क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम समेत जिले 22 विभाग पॉल्यूशन कंट्रोल करने में जुटे हैैं।
कागजो में लागू ग्रेप सिस्टम
गौरतलब है कि मेरठ समेत पूरे एनसीआर में वायु प्रदूषण में सुधार के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 1 अक्टूबर से ग्रेप यानि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया है। इसके तहत कई प्रमुख प्रदूषण कारकों पर बैन लगा दिया गया है लेकिन वास्तविकता में ग्रेप अभी कागजों में ही लागू हुआ है अधिकतर मानकों की अभी भी खुलेआम अनदेखी जारी है। इसलिए अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से शहर में आबोहवा दूषित होना शुरू हो गई है। यदि सख्ताई से ग्रेप लागू न किया गया तो नवंबर में शहर के लोगों का सांस लेना भी दूभर हो जाएगा।
नौ माह में सिर्फ एक कार्रवाई
नगर निगम के रिकार्ड बताते हैं कि जनवरी से सितंबर तक कूड़ा जलाने पर सिर्फ एक कार्रवाई हुई है। जबकि महानगर में हर दिन कूड़ा जलाया जा रहा है। मगर नगर निगम केवल प्रतिबंधित पॉलिथिन के विरूद्ध अभियान चलाने तक सीमित है। कूड़ा जलाने से रोकने और कूड़ा जलाने वालों पर निगरानी के लिए निगम की एक भी टीम सक्रिय नहीं है। गौरतलब है कि कूड़ा जलाने से न केवल धुंआ पर्यावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि उसमें जलने वाली पॉलिथिन और कचरा मानव स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।
गत सप्ताह हुई मीटिंग
वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 अंक पार करने पर ही होगा उद्योगों में डीजल जनरेटर प्रतिबंधित स्टेज वन के जारी दिशा-निर्देशों में डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध को लेकर उद्यमियों संशय की स्थिति है। गत सप्ताह हुई मीटिंग के बाद परतापुर इंडस्ट्रियल एस्टेट मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष निपुन जैन बताया कि 27 ङ्क्षबदुओं पर जारी निर्देशों में मुख्य एनर्जी सोर्स के रूप में डीजल जनरेटर्सं का प्रयोग न किया जाए। उन्होंंने कहा कि डीजल जनरेटरों का उपयोग विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर ही किया जाता है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने स्थिति स्पष्ट करते हुए हुए बताया कि एक्यूआइ 300 का अंक पार करने पर ही डीजी सेटों का संचालन प्रतिबंधित होगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निम्न प्रतिबंध और एहतियात के उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
सड़कों पर उड़ रही धूल
ग्रैप स्टेज वन के दिशा-निर्देशों में निर्माण और ध्वस्तीकरण की साइटों से धूल न उड़े इसके उचित उपाय किए जाएं। इसके लिए मशीनों के माध्यम से धूल को अवशोषित करने और समय-समय पर पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया है। कैंट में जगह जगह सड़कें उखड़ी हुई हैं। आबू नाले से हनुमान चौक और हनुमान चौक से शिव चौक तक सड़क पूरी उखड़ी हुई है। छतरी वाले पीर से घंटा घर तक सड़क धूल ही धूल उड़ रही है। यहां पर जिला अस्पताल भी है। इसी तरह शारदा रोड से शाप्रिक्स माल तक धूल से पटी सड़क पर कहीं भी पानी का छिड़काव होता नहीं नजर आया।
इन मानकों की अनदेखी जारी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निम्न प्रतिबंध और एहतियात के उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
निर्माण और ध्वस्तीकरण की साइटों से धूल न उड़े इसके उचित उपाय किए जाएं।
500 वर्ग मीटर से अधिक बड़े भूखंडों पर तभी निर्माण और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया तब तक न होने दी जाए।जब विभाग के वेब पोर्टल पर रजिस्टर्ड न हो।
सड़कों पर उडऩे वाली धूल समेत निर्माण और ध्वस्तीकरण साइटों पर एंटीस्माग गन का प्रयोग धूल नियंत्रण के लिए किया जाए।
पराली और कूड़ा न जले यह पूरी तरह सुनिश्चित हो।
धुआं उगलने वाले वाहनों का चालान हो और जुर्माने की कार्रवाई हो।
ईंट भट्टों और हाट मिक्स प्लांट पर एनसीआर में अनुमत ईंधन का प्रयोग हो, अन्यथा बंद किया जाए।
डीजी सेटों का प्रयोग निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए न हो।
विद्युत आपूर्ति बाधित न हो यह सुनिश्चित हो।
10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 वर्ष से अधिक के पेट्रोल वाहनों का संचालन न हो।
होटलों, रेस्टोरेंट और सड़क के किनारे खाने पीने के ठीहों पर केवल गैस और बिजली का प्रयोग किया जाए।
चार चरणों में रिस्की होती एक्यूआई
एक्यूआई 201 से 300 तक खराब स्थिति
एक्यूआई 301 से 403 के स्तर पर बहुत खराब स्थिति
एक्यूआई 401 से 450 तक गंभीर
एक्यूआई 450 और उससे अधिक अति संवेदनशील और गंभीर स्थिति
ये है शुक्रवार को देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की लिस्ट
जिंद- 319
मुजफ्फरनगर- 308
बहादुरगढ़- 296
ग्रेटर नोएडा 292
दिल्ली- 257
नोएड़ा- 249
मेरठ- 237
गाजियाबाद- 222
बागपत- 222
फरीदाबाद- 217
मेरठ के तीन निगरानी केंद्रो का एक्यूआई
13 अक्टूबर का प्रदूषण स्तर
गंगानगर- 248
जयभीमनगर- 180
पल्लवपुरम- 264
ग्रेप के मानकों के तहत सभी विभागों को अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई करने के आदेश हैं। अब सभी मानकों का निरीक्षण कर उनको सख्ताई से लागू कराया जाएगा।
भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी