मेरठ (ब्यूरो)। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बार-बार बंद हो रहे थे। बच्चों की संख्या कम होने के कारण भी स्कूली वाहनों का संचालन न के बराबर था। इसके चलते परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों के मानकों की जांच व निरीक्षण को कम कर दिया था। मगर फरवरी माह में हुए हादसे के बाद विभाग दोबारा अलर्ट हो गया। विभाग द्वारा वाहनों की फिटनेस कराने के लिए 540 करीब स्कूलों को नोटिस जारी किया गया। इतना ही नहीं, जिन बसों या स्कूली वाहनों की फिटनेस नहीं है उनका संचालन फिटनेस होने तक न करने के निर्देश दिए गए थे।

ये है मुख्य मानक
स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर 31 तरह के मानक तय किए गए हैं।

चालक वर्दी में हो।
बस व वैन की उम्र 10 वर्ष से अधिक न हो।
प्रदूषण प्रमाण पत्र हो।
रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हो।
परमिट वैध हो।
डीएल पांच वर्ष पुराना हो।
सीएनजी का नो लिकेज प्रमाण पत्र हो।
वाहन का रंग पीला हो।
रिफलेक्टर टेप लगा हो।
इमरजेंसी गेट लगा हो।
नंबर प्लेट साफ हो।
पायदान की ऊंचाई एक फिट से अधिक न हो।
खिड़की में ग्रिल लगा हो।
फस्र्ट ऐड बॉक्स हो।
अग्निशमन यंत्र हो।
प्रेशर हार्न न हो।
बैग रखने की जगह हो।
बोतल रखने के लिए क्लिप हो।
स्पीड गवर्नर हो।
जीपीएस सिस्टम लगा हो।
सीटों की स्थिति अच्छी हो।

नए सिरे से कार्रवाई
परिवहन विभाग के अनुसार स्कूलों के नए सेशन के साथ ही ऑन रोड स्कूली वाहनों की चेकिंग शुरू की जाएगी। अधिकतर स्कूलों को रिमांइडर भेजा जा चुका है। बावजूद इसके बहुत से स्कूलों ने नोटिस का जवाब तक नहीं दिया है। अब फिटनेस न करने वाले स्कूलों को दोबारा रिमांइडर नोटिस भेजा जाएगा।

हमने स्कूल संचालकों के लिए बसों के मानक पूरे करने और फिटनेस कराने के लिए नोटिस जारी किए थे। अधिकतर ने वाहनों की फिटनेस करा ली है लेकिन बहुत से स्कूल ऐसे भी हैं, जो वाहन फिटनेस के लिए नहीं भेज रहे हैं। अब उनको दोबारा रिमाइंडर भेजा जाएगा।
सुधीर कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन