मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान कोविड मरीजों के लिए कोविन पोर्टल बनाया गया था। जिस पर सभी कोविड मरीजों का डाटा एकत्र किया गया। इसी तरह अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉरमेशन प्लेटफॉर्म (आईएचएपी) पोर्टल बनाया गया है। इस पर मरीजों को कौन सी बीमारी है और उसका किस सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज चल रहा है। उसका सारा रिकॉर्ड रहेगा। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जो लोग इलाज कराने आते हैं, उन्हें क्या-क्या बीमारियां हो रही हैं। इनकी 33 बीमारियों का डाटा प्रतिदिन अपडेट किया जाएगा।

ऐसे काम करेगा
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस पोर्टल से छोटी बड़ी बीमारी की मॉनिटरिंग आसान हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए टैब उपलब्ध कराए गए हैं। फील्ड में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी अपने क्षेत्र में मरीजों का संपूर्ण ब्यौरा प्लेटफार्म पर अपलोड करेगा। मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर, उसका जीपीएस लोकेशन प्लेटफार्म पर डाला जाएगा। कर्मचारी मरीज का ब्यौरा लेने के बाद मौके से ही प्रभावित व्यक्ति या परिवार की जानकारी प्लेटफार्म पर अपडेट कर देगा। कर्मचारी क्षेत्र की लोकेशन भी शेयर करेंगे ताकि क्षेत्र में उस तरह के मामलों के बढऩे पर आरआरटी को तुरंत सक्रिय किया जा सके।

यह होगा पोर्टल से लाभ
क्षेत्रवार बीमारियों व मरीजों का सर्विलांस हो सकेगा।
क्षेत्रवार संक्रामक व अन्य रोगों के प्रसार पर नजर रखी जा सकेगी।
किसी भी क्षेत्र में किसी एक ही बीमारी या समस्या से ग्रसित मरीजों की संख्या बढऩे पर समय से रोकथाम के उपाय व कार्य किए जा सकेंगे।
मरीजों का पर्चा खो भी जाता है और कुछ समय या महीनों बाद दोबारा मरीज दवा लेने जाता है तो उसका पुराना रिकार्ड उपलब्ध हो जाएगा।
मरीज का नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज होने के कारण पुराने उपचार की डिटेल आसानी से प्राप्त हो सकेगी।
जिले वर हर क्षेत्र की स्थिति से उच्च अधिकारी से लेकर शासन तक लगातार अपडेट रह सकेंगे।

इन बीमारियों का रखा जाएगा रिकार्ड
शुरुआत में पोर्टल पर बुखार, मानसिक रोग, चर्म रोग, बाल रोग, दंत रोग, हेपेटाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, डिप्थीरिया, फाइलेरिया, कैंसर, हृदय रोग, गुर्दा रोग और हाई रिस्क प्रेगनेंसी समेत 33 बीमारियों व समस्याओं से संबंधित मरीजों का डाटा इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

दर्ज करना होगा ब्योरा
इस योजना के तहत सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों का ब्यौरा भी आइएचआइपी पर दर्ज करना होगा। फिलहाल सरकारी अस्पताल द्वारा ही ब्यौरा दिया जा रहा है। जिले भर की अस्पतालों व औषधालयों से मरीजों का ब्यौरा दर्ज होने के बाद बीमारियों के प्रसार को रोकना और आसान हो जाएगा।

अभी तक क्षेत्रवार बीमारियों के प्रसार और मरीजों से जुड़ी जानकारी का डाटा एकत्र करने में समय लग जाता है। पोर्टल के शुरू होने से निगरानी करने में आसानी हो सकेगी। यह पोर्टल ऐसे ही कार्य करेगा, जैसे कोविन पोर्टल कार्य कर रहा है।
डॉ। अखिलेश मोहन, सीएमओ