मेरठ, (ब्यूरो)। जूनियर डाक्टरों ने शुक्रवार को कार्य बहिष्कार कर मेडिकल कालेज कैंपस में बैठककर प्रदर्शन किया। जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि जुलाई माह में डॉक्टरों का नया बैच आना था, लेकिन कोविड प्रोटोकाल समेत अन्य दिक्कतों की वजह से बैच नहीं आ सका। अब जूनियर डाक्टरों की संख्या में 40 फीसद कमी हो गई है। ऐसे में उन पर इलाज का दबाव बढ़ गया है। हालत यह है कि उनके काम करने के घंटों की संख्या भी बढ़ गई है। जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि 16 से 20 घंटे तक अब लगातार काम करना पड़ रहा है। कोर्ट में काउंसलिंग को लेकर केस चल रहा है। इसमें डेढ़ माह बाद की तारीख मिली है। ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है।
किया कार्य बहिष्कार
कार्य बहिष्कार के चलते शुक्रवार को कैंपस में कार्यरत करीब 80 जूनियर डाक्टरों ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं रहे। इससे मेडिकल कॉलेज की ओपीडी समेत इमरजेंसी में कई प्रकार के काम प्रभावित रहे। मरीजों को अटेंड करने से लेकर बेसिक ट्रीटमेंट तक के लिए डॉक्टर नहीं मिलने से मरीज परेशान रहे। ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें व भीड़ रहीं, लेकिन दोपहर बाद तक भी डॉक्टरों के काम पर ना आने से मरीजों को घंटों इंतजार कर वापस जाना पड़ा।
संभाली व्यवस्थाएं
वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से जेआर वन के डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के बाद जेआर-टू और थ्री के डॉक्टर्स को डयूटी पर लगाकर व्यवस्था को बनाने का प्रयास किया गया। वहीं प्राचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने जूनियर डॉक्टरों से बात की, लेकिन वो हड़ताल पर अड़े रहे। प्राचार्य आरसी गुप्ता ने बताया कि जूनियर डॉक्टर्स के कार्यबहिष्कार से चिकित्सा सेवाओं पर कोई खास फर्क नही पड़ा है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं। जेआर-टू और थ्री कार्य कर रहे हैं। जेआर वन को मनाने का प्रयास किया जा रहा है।
करेंगे प्रदर्शन
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार का कहना है कि अगर बात नहीं बनी तो कल से ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं से दूरी बनाई जा सकती है। सभी जेआर प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।
जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं। जेआर-टू और थ्री लगातार मरीजों के बीच ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं,जेआर वन को मनाने का प्रयास हो रहा है।
आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज