मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू के नाम पर विभिन्न प्रदेशों में फर्जी डिग्री बनवाने का खेल चल रहा है। अभी तक उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, अरूणाचल और बिहार में ही सीसीएसयू की फजी डिग्रियां मिल रही थी। मगर इस बार फर्जी डिग्री मिलने की लिस्ट में बंगाल और राजस्थान के साथ बेंगलुरू का नाम भी ऐड हो गया है। सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग की मानें तो जनवरी से अभी तक करीब तीन हजार डिग्री जांच के लिए आ चुकी हैं, जिनमें से पहले भी 430 से ज्यादा फर्जी निकली। फिलहाल 120 की जांच अभी चल रही है।

एलएलबी-एमबीए की डिग्री
बता दें कि 120 डिग्री में 49 की जांच पूरी हो गई है, इनमें 23 डिग्री फर्जी पाई गई हंै। इनमें 13 डिग्री एमबीए की हैं। एमबीए की डिग्री में 3 डिग्री बंगाल 6 डिग्री राजस्थान और 4 डिग्री उत्तराखंड की हैं। 10 डिग्री एलएलबी की है, इनमें 4 डिग्री बंगाल और बाकी राजस्थान की हैं। सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि यूनिवर्सिटी में अभी एक माह पहले भी उत्तराखंड की पुलिस इन फर्जी डिग्री की जांच के संबंध में पहुंची थी। आने वाले पंद्रह दिनों में राजस्थान व बंगाल पुलिस के आने की सूचना मिल रही है।

पीएचडी की सात डिग्री
जांच में सामने आया कि बीते एक माह में बेंगलुरू से आई पीएचडी की सात, बीएड की 12, बीए और बीएससी की आठ डिग्री फर्जी निकली हैं। इस मामले में जांच शुरू हो गई है।

प्राइवेट कंपनी करा रही जांच
दरअसल, अभी तक सरकारी विभाग में नौकरी प्राप्त करने वालों का सत्यापन विभाग कराता था लेकिन अब प्राइवेट नौकरी देने वाले संस्थान भी कर्मचारी की डिग्रियों का सत्यापन करा रहे हैं। इसके लिए वह जनसूचना अधिकार और डाक के माध्यम से डिग्री की कॉपी सीसीएसयू भेजकर जांच करवा रहे हैं।

सीसीएसयू भेज रहा जांच रिपोर्ट
जहां से भी जांच के लिए डिग्री सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग में आती है। जांच के बाद संबंधित को उसकी जांच रिपोर्ट भेज दी जाती है। बीते दिनों उत्तराखंड के देहरादून में एसएसपी ने सरकारी नौकरी पाने वाली सुधा रानी व अमित की एमएसडब्ल्यू की डिग्री जांच के लिए सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग में भेजी थी, जो जांच में फर्जी निकली। इतना ही नहीं, बंगाल पुलिस ने डिपार्टमेंट ऑफ कॉलिजिएट एंड टेक्निकल एजुकेशन में सरकारी नौकरी पाने वाले अमित, सुरेश सिंह और अंकुश की डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस की डिग्री जांच के लिए यूनिवर्सिटी भेजी। ये डिग्री भी फर्जी निकली, इसकी रिपोर्ट भी भेज दी गई है। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस का पाठ्यक्रम संचालित ही नहीं होता है। इस तरह उत्तराखंड की प्रार्थना शर्मा को असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिली। संबंधित विवि से जब सीसीएसयू को पीएचडी की डिग्री भेजी गई तो उसका कोई रिकॉर्ड यहां नहीं मिला। यूनिवर्सिटी के विजिलेंस विभाग ने जांच करके अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

कहां-कहां मिली सीसीएसयू की फर्जी डिग्रियां
उत्तराखंड
गुजरात
पंजाब
बिहार
अरुणाचल प्रदेश
पश्चिमी बंगाल
राजस्थान
बेेंगलुरू

जांच के लिए डिग्रियां आती रहती है, लेकिन अगर कोई फर्जी निकलती है तो उसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को दी जाती है। जिस तरह से यूनिवर्सिटी के नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है, इसकी जांच की जा रही है।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू