मेरठ ब्यूरो। मेरठ कॉलेज में आईसीएसएसआर इंप्रेस स्पॉन्सर्ड एक दिवसीय सेमिनार किया गया। इस अवसर पर हेल्थ एंड वैलनेस इन चेंजिंग एनवायमेंट टॉपिक पर चर्चा की गई। इस अवसर मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो। मृदुला शर्मा के रिसर्च प्रोजेक्ट की सराहना की। मौके पर दिल्ली यूनिवर्सिटी से आए मुख्य वक्ता प्रो। नवीन कुमार ने अपने व्याख्यान में स्पष्ट किया कि हमें बीमारियों के इलाज के लिए नैदानिक मॉडल के साथ-साथ एक समग्र मॉडल की भी आवश्यकता है।
जीवन के मूल्य समझें
समाज में उपभोक्तावाद को कम करके हमें दैहिक, मानसिक तथा पर्यावरणीय तंत्र में सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। मनोविज्ञान के माध्यम से भारतीय दर्शनशास्त्र के मूल्य तथा विशेषताओं को ग्रहण कर जीवन के मूल्यों में बदलाव आवश्यक है। इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहैवियर, नई दिल्ली के प्रो। उदय सिन्हा ने अपने व्याख्यान में सचेतन भाव तथा समानुभूति पर बल दिया। मानसिक स्वास्थ्य को केवल अवसाद से ही नहीं जोडऩा चाहिए बल्कि अन्य संकेतको पर भी ध्यान देना चाहिए। मनोविज्ञान में हमें पर्यावरण तथा विकास के संबंध को भी अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारतीय मनोविज्ञान की विषय वस्तु की स्वीकार्यता तथा अध्ययन पश्चिम देशों में भी आरंभ हो चुका है।
संतुलन व असंतुलन समझें
इस अवसर पर पदमश्री डॉ। भारत भूषण त्यागी ने अपने व्याख्यान में पांच तत्व स्वयं, शरीर, परिवार, समाज तथा प्रकृति पर बल दिया। हमें अपने जीवन तथा पर्यावरण में संतुलन तथा असंतुलन को समझना आवश्यक है। इन्होंने मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य तथा पर्यावरण में संतुलन की महत्ता स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि साधना समाधान नहीं है बल्कि समाधान अध्ययन में है। सतत विकास हेतु जैविक खेती पर जोर दिया तथा समझाया की जैविक खेती पर्यावरण के पूरक के रूप में है। जीवन में नियम नियंत्रण तथा संतुलन आवश्यक है। संतुलन ही समृद्धि है।
ऑर्गेनिक फॉर्मिंग को बताया
उन्होंने मेरठ कॉलेज के शिक्षकों के साथ मिलकर आर्गेनिक फार्मिंग के लिए विभिन्न रोजगार परक कोर्स पर काम करने की इच्छा व्यक्त की। प्रो। मृदुला शर्मा ने रिसर्च प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पढ़ते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट में गंगा किनारे वाले गांव के बच्चों की फिजिकल तथा मेंटल हेल्थ का अध्ययन किया गया है। नदियों के प्रदूषित पानी से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पडऩे वाले को प्रभाव को रोकने के लिए वैज्ञानिक विधियों पर भी चर्चा की गई।
ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर प्रो। भगत सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रेषित किया। इस अवसर पर डॉ।अर्चना सिंह, डॉ। योगेश कुमार, डॉ। संदीप कुमार, डॉ। भगत सिंह, डॉ। अनीता मोरल, डॉ। पूरन सिंह, डॉ।अजीत तोमर, डॉ। अनिल राठी, डॉ। अशोक शर्मा, डॉ। चंद्र शेखर भारद्वाज आदि मौजूद रहे।