मेरठ ब्यूरो। नवरात्र में शुभ मुहूर्त के साथ महाअष्टमी पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन करके व्रत का परायण किया। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगदंबा की आराधना के विशेष काल शारदीय नवरात्र व्रत पर्व आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। हवन, कन्या पूजन आदि से अनुष्ठान की पूर्णाहुति की जाती है। इस बार महानवमी 23 अक्टूबर को होगी। ज्योतिषाचार्य डॉ। अनुराधा गोयल ने बताया कि दोपहर 3.10 बजे से दशमी मिलने से इसी दिन विजयदशमी भी होगी।
कन्याओं की रही तलाश
अष्टमी के दिन सुबह से जहां मंदिरों में भक्तों की कतार जुट गई। इसके साथ ही घरों में भी विधि विधान के साथ कन्याओं का पूजन किया गया। कन्याओं को तलाशने के लिए श्रद्धालु बड़े ही परेशान रहे। दरअसल, कन्याएं कम थी और जिमाने वाले ज्यादा, ऐसे में घरों के बाहर अपने घर कन्याओं के ले जाने के लिए भी कतारे लगी रही। सभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। ज्योतिषाचार्य डॉ। अनुराधा गोयल के अनुसार 22 अक्टूबर रविवार को महाअष्टमी का व्रत है। इस दिन शाम 5.25 बजे ही नवमी लग चुकी है। जो आज 23 अक्टूबर को दोपहर 3.10 बजे तक रहेगी। इस अवधि में ही नवरात्र पूजन की पूर्णाहुति के अनुष्ठान किए जा सकते हैं।
24 को होगा पुतला दहनविजयदशमी 24 अक्टूबर को दोपहर में 12.49 बजे तक ही है। इसलिए विजय दशमी से संबंधित पूजन -अनुष्ठान 23 अक्टूबर को ही पूरे होंगे। बुराई के प्रतीक रूप में रावण का पुतला दहन 24 अक्टूबर को होगा। इसी दिन दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाएगा।