मेरठ (ब्यूरो)। आवास विकास की सबसे महत्वपूर्ण योजना जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या-11 में आवास विकास और किसानों के बीच चल रहे विवाद का असर पिछले तीन साल से एक्सटेंशन के विकास पर पड़ रहा है। बढ़े हुए प्रतिकर की मांग को लेकर किसानों से चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए गत वर्ष जारी हुआ 17 करोड़ रुपए का मुआवजा अभी तक किसानो को नहीं बंट पाया है। ऐसे में आवास विकास द्वारा बनाई गई नई विकास योजनाओं पर किसानों का विरोध जारी है। जबकि आवास विकास का दावा था कि एक्सटेंशन में जल्द विकास कार्य शुरू हो जाएंगे। वहीं किसानों की मानें तो करीब 90 करोड़ का मुआवजा जारी होना है, जब तक पूरा मुआवजा नहीं मिलेगा एक्सटेंशन में कोई विकास कार्य नहीं होने देंगे। ऐेसे में जागृति विहार एक्सटेंशन के विकास कार्य केवल कागजों तक ही सीमित हैं।
ये है मामला
गौरतलब है कि जागृति विहार एक्सटेंशन योजना सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर की दर एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर की 800 रुपये, घोसीपुर की 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे और योजना में अपने भूखंड की मांग शुरू कर दी थी। जिसको लेकर किसानों ने गत वर्ष जुलाई माह में अनिश्ििचतकालीन धरना शुरू कर अपना विरोध जताया था और विकास कार्य रूकवा दिए थे।
800 करोड़ के विकास कार्य
इस विरोध के बाद शासन ने गत वर्ष ही 17 करोड़ रुपए का बढ़ा हुआ मुआवजा जारी कर दिया था। जिसके बाद कुछ किसानों को प्रतिकर मिलना शुरू हुआ और किसानों ने एक्सटेंशन में विकास कार्य को रोकना बंद कर दिया। किसानों के विरोध के चलते आवास विकास 658 एकड़ में फैली इस योजना में करीब 800 करोड़ के विकास कार्य रुके हुए थे। उम्मीद थी कि प्रतिकर जारी होने के बाद विकास कार्यों को गति मिलेगी। लेकिन साल बीतने के बाद भी एक्सटेंशन में विकास कार्यों की गति बहुत धीमी है।
बेसिक सुविधाओं की कमी
आवास विकास की सबसे महत्वपूर्ण योजना जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या-11 में कुछ आवंटियों ने अपने भूखंड पर आवास निर्माण तो शुरू कर दिया लेकिन एक्सटेंशन में कनेक्टिंग रोड और बेसिक सुविधाओं जैसे पेयजल सप्लाई, सीवरलाइन, विद्युत लाइन, पार्क, सर्विस लेन की हालत बेहद खराब है।
ये विकास कार्य अधर में अटके
एक्सटेंशन सेक्टर-3 व सेक्टर-5 में पानी की टंकी से सप्लाई अधूरी
सेक्टर-3 व सेक्टर-5 में पार्क का निर्माण अधूरा
एक्सटेंशन में सीवर लाइन के कनेक्शन अधूरे
गढ़ रोड से हापुड़ रोड को जोडऩे वाली 45 मीटर चौड़ी कनेक्टिंग रोड का निर्माण अधूरा
कुटी चौराहे से चाणक्यपुरी होते हुए 32 मीटर चौड़े रोड का निर्माण अधूरा
एक्सटेंशन को लोहियानगर से जोडऩे वाली रोड का निर्माण अधूरा
लोहियानगर और कांशीराम आवास कनेक्टिंग पुल अधूरे
मुआवजे की रकम करीब 90 करोड़ रुपए है। 17 करोड़ करीब मुआवजा आया है लेकिन वह भी अभी पूरी तरह नहीं बांटा गया है। ऐसे में नए निर्माण कार्यों को लेकर किसानों का विरोध जारी है।
भरत भड़ाना, किसान नेता
मुआवजे के साथ-साथ किसानों को प्लॉट भी दिए जाने थे, जिसका आवंटन अभी तक नहीं किया गया है। अगर यही हालात चलते रहे तो सबसे ज्यादा परेशानी आवंटियों को झेलनी पड़ेगी।
ज्ञानेंद्र
एक्सटेंशन में विकास कार्यों को लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा। जब तक किसानों को बढ़ा हुआ प्रतिकर नहीं मिल जाता, तब तक किसी भी प्रकार के नए विकास कार्य नहीं होने दिए जाएंगे।
संदीप
आवास विकास से किसानों ने 169 हेक्टेयर भूमि का करार किया हुआ था। इन किसानों को 100 बढ़ाकर मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों से बात हो गई है, जल्द नए विकास कार्य भी शुरू करा दिए जाएंगे।
राजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता