मेरठ (ब्यूरो). मतदान को लेकर जहां पूरा दिन वोटिंग का सिलसिला चलता रहा, वहीं इस बार वोटर लिस्ट की गड़बड़ी के चलते काफी लोगों को अपनी वोट से हाथ धोना पड़ा। वोटर लिस्ट में काफी ऐसे लोगों के नाम शामिल थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। जबकि जिंदा लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। इसको लेकर कई बूथों पर लोगों को वोट डालने से हाथ धोना पड़ा। वहीं स्वर्ग सिधार चुके लोगों के नाम के आगे बीएलओ बूथों पर ही नाम काटते नजर आए। ऐसे में वोटिंग लिस्ट को तैयार करने में कितनी सतर्कता दिखाई गई। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।

लोगों ने किया हंगामा
कैंट बोर्ड में बने बूथ 288, 289 व 292 पर काफी लोगों के सूची से नाम गायब थे। ऐसे में संबंधित लोगों ने काफी हंगामा भी किया। संबंधित लोगों का आरोप था कि उनके घर से 17 लोगों के नाम गायब हैं। उनमें से कुछ के नाम जब बूथों पर ऑनलाइन चेक किए गए तो उनकी जगह किसी अन्य का नाम आ रहा था। मौके पर यह भी आरोप लगाया कि कुछ बीएलओ द्वारा गलत बटन पर बोट दबाने के लिए उनको बताया जा रहा था। इसकी सूचना सदर पुलिस को भी दी गई। वहीं सदर दीवान पब्लिक स्कूल में वोट करने आई दो महिलाओं व उनके परिवार के सदस्यों का नाम सूची में नहीं था। इससे झुब्ध होकर वह धरने पर बैठ गईं। बावजूद इसके भी कुछ नहीं हुआ। वहीं ब्रह्मïपुरी बूथ 30 पर दो महिलाओं के नाम सूची से गायब थे। जबकि पिछले साल उनके नाम थे।

इनके नाम गायब
मेरा व बेटे का नाम गायब है। मैंने जब चेक करवाया तो मेरे नाम की जगह किसी अन्य का नाम था। जबकि एड्रेस मेरा और फोटो व नाम अलग था।
मंजू

मेरे नाम की जगह किसी दूसरे का नाम था। पता मेरा था। ऑनलाइन चेक करने पर नाम गलत था। लिस्ट में तो था ही नहीं।
नवीन

मेरा नाम गायब था। ऐसे में मेरा वोट हीं नहीं डल पाया है। मुझे बहुत ही निराशा हुई है।
शिवम

सूची में मेरा व मम्मी का नहीं था। हम इस बार लोकतंत्र के महापर्व में अपना मत देने से वंचित रहे।
प्रिंस

मेरे परिवार के पांच लोगों के नाम गायब थे। हमने हंगामा किया था, पर उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ।
विराट

मेरा बड़ा परिवार है। 17 लोगों के वोट कटे हुए थे। ये किसी न किसी की चाल है। हमने इसकी शिकायत की है।
लक्ष्मी

वोटर लिस्ट से नाम गायब होने से मुझे बहुत दुख हुआ है। धरने पर भी बैठी पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
सीमा

मेरा व पत्नी का नाम लिस्ट से गायब था। ये तो मनमर्जी की सूची बनाई गई है। किसी का भी नाम हटवा दिया गया।
विनित

इस तरह से सभी के नाम गायब होने से साफ जाहिर होता है कि सूची सही तरीके से जांच करके नहीं बनाई गई है। ये लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है।
भारती