मेरठ (ब्यूरो)। आधुनिकता की दौड़ में खान-पान के कारण तेजी से बिगड़ी रही सेहत को सही रखने के लिए खुद का जागरुक होना बहुत जरूरी है। इसलिए दैनिक व्यायाम से लेकर खाने पीने की चीजों में परहेज जरूरी है, लेकिन शादियों के सीजन में दावतों का दौर और उन दावतों में सजे स्वादिष्ट पकवान इस परहेज पर भारी पड़ जाता है। ना चाहते हुए शादियों में तरह तरह से पकवान खाकर लोग अपनी शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रोल लेवल को बिगाड़ लेते हैं।

सेहत का भी ख्याल
अब इस समस्या के निदान और लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए शहर के बैंक्वेट हॉल संचालकों और कैटर्स ने अपनी कैटरिंग में लो शुगर, लो बीपी और लो कोलस्ट्रॉल फूड को शामिल कर लिया है। यानि इन बीमारियों से ग्रस्त लोग भी शादियों में अपनी सेहत के अनुसार मनपसंद फूड एन्जॉय कर सकते हैं।

शुगर बीपी के लिए अलग काउंटर
गौरतलब है कि इस माह शादियों का सीजन शुरु हो चुका है और हर किसी के पास कई कई शादियों के न्यौते पहुंचे हुए हैं। ऐसे में शादियों में पकवान पहले से ही शुगर, बीपी, थाइराइड जैसी समस्या से ग्रस्त लोगों की सेहत बिगाड़ देते हैं। इसके चलते लोगों को विवाह मंडपों में सजे लजीज पकवान देखने के बाद भी मन मारकर दूरी बनानी पड़ती है ताकि उनका शुगर या बीपी ना बढ़ जाए। इस समस्या से निजात के लिए इस सीजन में अधिकतर कैटर्स और बैंक्वेट हॉल संचालकों ने लो शुगर, लो बीपी, लो स्पाईस, लो कोलेस्ट्रोल फूड आइटम की सुविधा शुरु की है। इसके तहत कुछ ऐसे काउंटर अलग से बनाए जा रहे हैं जिनमें कम मीठे की ड्रिंक, हलवा, मिठाई, फूड प्रोडक्ट, कम नमक और मसालों की सब्जियां, फास्टफूड आइटम सर्व किए जा रहे हैं।

ट्रेंड किए गए कर्मचारी
इतना ही नही इस काउंटर पर सर्व करने वाले कर्मचारियों को भी स्पेशली ट्रेंड किया गया है कि वह हर किसी शख्स से पूछे कि उसको लो शुगर, लो सॉल्ट या लो स्पाइसी फूड चाहिए या नार्मल। लोगों की डिमांड के अनुसार ही काउंटर पर कर्मचारी फूड आइटम तैयार करके देते है। इसके अलावा रेड टू ईट काउंटर पर नमक व मसाले अलग से रखकर दिए गए हैं ताकि जरुरत के हिसाब से लोग डाल लें और बीपी, कोलस्ट्रोल की समस्या वालों को नार्मल फूड ही सर्व हो।

इन काउंटर्स का चल रहा ट्रेंड
लो शुगर काफी, चाय, छाछ, स्प्राउट्स और कम फैट वाला दूध के काउंटर

गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, बेसन का चीला आदि रोटियों के काउंटर

बादाम और अखरोट, भुना हुआ चना, सत्तू, उबले हुए अंकुरित अनाज आदि के काउंटर

लोगों की डिमांड होती है कि हमें बिना चीनी की चाय, काफी या दूध पीना है। कुछ लोग खाने में कम नमक कम मसाले पसंद करते हैं। उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के काउंटर बनाए जा रहे हैं साथ ही सर्विग स्टॉफ को ट्रेंड किया गया है।
मनोज गुप्ता, अध्यक्ष, मेरठ मंडप एसोसिएशन

आज के समय में लोग अपनी सेहत के लिए बहुत सक्रिय है। उनको ध्यान में रखते हुए इस बार से लो शुगर, लो बीपी, लो कोलेस्ट्रोल फूड आइटम के काउंटर शुरु किए गए हैं। स्टॉफ को भी ट्रेड किया गया है कि लोगों से पूछ कर उनको फूड डिलीवर करें।
विपुल सिंघल, महामंत्री, मेरठ मंडप एसोसिएशन

जैसा कि पार्टी की डिमांड होती है उस प्रकार के फूड तैयार किए जाते हैं लेकिन उसमें कई वैराइटी, जिसमें गुंजाइश होती है कम मसालेदार, कम मीठे कम तेल में बने हुए पकवानों के काउंटर अलग लगाए जा रहे हैं।
मनोज गर्ग, आर्नर, एमएस गार्डन

खानापान से कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल बढऩा गंभीर समस्या बनता जा रहा है इनके बढऩे से डायबिटीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी डैमेज होना जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का खतरा हो सकता है। शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल मैनेज करने के लिए दवाओं के अलावा हेल्दी डाइट बहुत जरूरी है। इसलिए कम नमक, कम मीठा, कम मसालेदार खाना चाहिए।
डॉ। विश्वजीत बैंबी, सीनियर फिजिशियन