मेरठ ब्यूरो। स्मार्टफोन और इंटरनेट का कॉम्बिनेशन डेडली होता रहा है। टेक्नोलॉजी ने सहूलियत दी पर खतरे बेहिसाब बढ़ा दिए। लोगों की पर्सनल डिटेल्स अब पब्लिक हो गई। यहां कुछ भी सेफ नहीं रहा। सोशल मीडिया के दौर में साइबर क्राइम के नए तरीके और नए मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। हर दिन लोग साइबर क्रिमिनल्स के शिकार हो रहे हैं। आंकड़े डराते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि आमजन अभी भी इंटरनेट यूज करने के तौर-तरीकों को समझ नहीं पाएं हैं। इसी अवेयरनेस के मददेजनर दैनिक जागरण आईनेक्सट साइबर क्राइम और इससे बचाव को लेकर आज से सात दिन की न्यूज सीरीज शुरु कर रहा है। इसकी पहली किस्त में पढि़ए
फेस बुक, व्हाट्सअप पर सेक्सटॉर्शन
वीडियो कॉलिंग के जरिए वर्चुअल सेक्स न्यूड वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करने का सिलसिला सबसे अधिक फेसबुक और व्हाट्सअप पर चल रहा है। इसे ही सेक्सटॉर्शन कहा जाता है। साइबर अपराधी किसी भी अनजान नंबर या फेक आईडी से इन सोशल प्लेटफॉर्म पर वीडियो कॉल करते हैं। व्यक्ति जैसे ही कॉल पिक करता है। दूसरी तरफ से महिला या पुरुष तुरंत ही कैमरे के सामने अपने कपड़े उतारने लगते हैं। कॉल पिक करने वाला व्यक्ति जब तक कुछ समझ पाता है तब तक 15 से 30 सेकेंड की रिकॉर्डिंग कर ली जाती है। इसके बाद बड़ी सफाई से इस वीडियो कॉल को डीप फेक तकनीक की सहायता से एडिट कर वर्चुअल सेक्स न्यूड वीडियो तैयार किया जाता है। कुछ देर बाद व्हाट्सअप पर इस वीडियो को भेजा जाता है जिसमें ऐसा दिखाया जाता है कि उक्त व्यक्ति वीडियो कॉल पर वर्चुअल सेक्स कर रहा है। इसे वायरल करने की धमकी दी जाती है। वीडियो वायरल न करने के एवज में लाखों रूपये की डिमांड की जाती है।
20 से अधिक मामले
मेरठ में वर्चुअल सेक्स न्यूड वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर लोगों से लाखों की ठगी के अब तक 20 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। ये वह मामले हैं कि जिनकी शिकयत दर्ज करवाई गई है। जबकि सैकड़ों ऐसे मामले हैं जिन्हें बदनामी और डर की वजह से पीडि़त दर्ज नहीं करवा पाएं। शहर के कई जानेमाने लोग भी इसका शिकार बन चुके हैं। जालसाजी के इस खेल के सबसे सॉफ्ट टारगेट 14 से 20 या 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हैं। एक्सपटर्स के मुताबिक चूंकि युवा टेक्नोलॉजी अधिक जानते हैं। जबकि कम उम्र के या अधिक उम्र के लोग अभी भी टेक्नोलॉजी से अधिक फैमिल्यर नहीं हैं। ऐसे में यही लोग क्रिमिनल्स के रडार पर रहते हैं। जिले में अधिकतर पीडि़त इसी उम्र के हैं।
कोविड काल का बाद बना कॉटेज इंडस्ट्री
एक्सपर्ट बताते हैं कि कोविड काल के बाद साइबर ठग बहुत अधिक एक्टिव हुए हैं। साइबर क्राइम अब पूरी तरह कॉटेज इंडस्ट्री बन गया है। जिसमें शहर और गांव के युवा तेजी से शामिल हो रहे हैं। युवाओं में जल्द अमीर बनने की लालसा ने उन्हें इस राह पर खड़ा कर दिया है। बेरोजगारी और हर हाथ टेक्नोलॉजी ने इसमें अहम रोल निभाया है। इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक होने की बहुत जरूरत है। सिर्फ अवेयरनेस ही इस तरह के क्राइम से बचा सकती है।
शटर से करें बचाव
वीडियो कॉलिंग के दौरान किसी भी तरह के सेक्सटॉर्शन या ब्लैकमेलिंग से बचने के लिए अवेयरनेस होना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट बताते हैं कि थोड़ी सी सावधानी आपको कई तरह की मुसीबत से बचा सकती है। मोबाइल के फ्रंट कैमरे पर एक शटर लगा लिया जाए तो किसी अंजान नंबर से इस तरह की वीडियो कॉल आने पर बचाव होना तय है। फ्रंट कैमरे पर अंगूठा या उंगली लगाकर पहले कॉल उठाएं । यदि दूसरी तरफ से कुछ भी संदिग्ध लगे तो तुरंत कॉल काट दें।
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वीडियो वायरल सिर्फ धमकी
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि इस तरह की वीडियो बनाकर सिर्फ ब्लैकमेलिंग की जाती है। वीडियो को वायरल करने की धमकी साइबर ठग देते हैं लेकिन वह इसे वायरल करने से बचते है। ऐसा करने पर उन्हें ट्रेस होने का खतरा बन जाता है। इसलिए यदि कोई इस तरह की वीडियो बना लेता है तो डरें नहीं बल्कि साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवा दें।
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ऐसे करें बचाव
किसी भी अनजान वीडियो कॉल को अटेंड न करे ं
सोशल मीडिया पर अधिक एक्टिव न रहें
लोगों के साथ अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें।
अकाउंट हमेशा सिक्योर और प्राइवेट रखें।
किसी भी सोशल मीडिया एप के जरिए चैट करने से बचें
लोग अक्सर ऐसे मामलों की शिकायतें करने से बचते हैं। बदनामी के डर की वजह से वह पैसे देते रहते हैं। ऐसे मामलों के शिकार 90 प्रतिशत लोग पुलिस के पास पहुंच ही नहीं पाते हैं।
कर्मवीर सिंह, साइबर एक्सपर्ट
इस तरह के कई मामले हमारे आसपास हो चुके हैं। जिनकी शिकायतें भी हमने पुलिस में दर्ज करवाई लेकिन आजतक भी किसी को पकड़ा नहीं जा सका। साइबर ठगी से बचने के लिए अवेयरनेस जरूरी है।
शैंकी वर्मा, व्यापारी नेता