मेरठ (ब्यूरो). शहर के स्मार्ट सिटी कहलाए जाने के लिए जरूरी है कि वहां की सड़कें, पार्क, चौक-चौराहे और उनमें लगे फव्वारे दुरुस्त हों। इसके साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था का भी सिटी के स्मार्ट होने में अहम रोल होता है। लेकिन, महानगर के चौराहों पर लगे फव्वारे सालों से बंद पड़े हुए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग की दौड़ में शामिल होने के लिए अब नगर निगम को इन फव्वारों को दुरुस्त करने की सुध जगी है। निगम ने फव्वारों के साथ ही चौराहों के सौंदर्यीकरण का काम शुरू कर दिया गया है। ताकि शहर की सुंदरता में इजाफा हो और स्वच्छता सर्वेक्षण में इसका फायदा निगम को मिल सके।

तेजगढ़ी पर बनेगा फव्वारा
नगर निगम ने तीन माह पहले चौराहे के बीच में नया आकर्षक फव्वारा बनाने की योजना तैयार की थी। इसके तहत तेजगढ़ी चौराहे का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए निगम ने करीब 26 लाख का प्रस्ताव बनाया था। जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसमें सबसे ऊपर की प्लेट साइज में छोटी और उसके नीचे की प्लेट बड़ी होगी। छोटी प्लेट के बीचों-बीच से फव्वारा फूटेगा। फव्वारे का पानी दोनों प्लेट पर गिरते हुए नीचे गोलों में गिरेगा। फव्वारे के नीचे बने गोल चक्कर में हरी घास के साथ-साथ लाइट लगाई जाएंगी। साथ ही इस चौराहे के चारों किनारों पर लोगों के बैठने के लिए बेंच बनवाई जाएंगी।

पुराने फव्वारे होंगे चालू
नगर निगम शहर के चौराहों पर लगे पुराने फव्वारों को भी चालू करेगा। इसके लिए गत सप्ताह नगरायुक्त ने जलकल विभाग को फव्वारों का निरीक्षण कर जल्द से जल्द अपडेट करने का आदेश दिया है। शहर के 10 स्थानों पर फव्वारों को दुरुस्त कर चालू किया जाएगा। अधिकतर चौराहों पर लगे पुराने फव्वारे बंद पड़े हैं और साफ सफाई तक नहीं हो पा रही है। अब इन फव्वारों की साफ सफाई, लाइट, गार्डनिंग आदि की व्यवस्था की जाएगी। फव्वारों में पानी के लिए पाइन लाइन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।

ये है शहर के फव्वारों की स्थिति
एचआरएस चौक
एचआरएस चौक सिटी का एक प्रमुख चौराहा है। दिल्ली से सिटी में आने वाले यात्री इस चौराहे से होकर जरूर गुजरते हैं। ऐसे में इस चौराहे पर बने फाउंटेन का चलना सिटी की सुंदरता को बढ़ाता था। मगर, पिछले कई साल से यह फव्वारा बंद है। अब रैपिड के काम के कारण इसका रख-रखाव तक नहीं हो पा रहा है।

बागपत गेट
बागपत गेट पर मेट्रो प्लाजा के नजदीक डॉ। अंबेडकर की मूर्ति के साथ बना फाउंटेन भी धूल फांक रहा है। तत्कालीन मायावती सरकार में जहां ये फव्वारा रोजाना चला करता था। वहीं, सरकार जाने के बाद से इस चौराहे पर लगा यह फव्वारा लगभग बंद ही पड़ा है।

खैरनगर चौराहा
सिटी के सबसे पुराने इलाकों में शुमार खैरनगर के चौराहे को सजाने की मायावती सरकार ने पहल की थी। यहां फाउंटेन बन तो गया। लेकिन, इतने सालों में मात्र एक दो बार ही ये फाउंटेन चल पाया। एक बार मुख्यमंत्री रहते 2010 में मायावती के मेरठ आगमन के वक्त इस फव्वारे को चलाया गया था। मगर, उसके बाद से यह फव्वारा कभी नहीं चला।

आबूलेन
आबूलेन पर फव्वारा चौक पर हमेशा फाउंटेन चलता रहता था। लेकिन, पिछले कुछ सालों से ये फव्वारा भी धूल फांक रहा है। आबूलेन की शोभा बढ़ाने वाला यह फव्वारा दीपावली मेला या फिर नए साल की संध्या में ही अब चलता हुआ दिखाई देता है।

वर्जन
फव्वारों की साफ-सफाई से लेकर मेंटिनेंस का काम समय-समय पर कराया जाता रहा है। कुछ फव्वारे तकनीकी खामियों के कारण बंद हैं। उनकी भी जल्द रिपेयरिंग कराकर चालू किया जाएगा। इसके लिए जलकल विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं।
मनीष बसंल, नगरायुक्त