मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू में नई शिक्षा नीति के तहत ग्रेजुएशन की विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं 26 मई तक चलेंगी। वहीं, जुलाई से ही सम सेमेस्टर की परीक्षा करवाने की तैयारियां हो रही हैं। इसका स्टूडेंट्स ने विरोध किया है। स्टूडेंट्स ने ट्विटर के माध्यम से कहा है कि कोर्स पूरा कराए बिना यूनिवर्सिटी परीक्षा नहीं करा सकती है।
गुणवत्ता पर पड़ रहा असर
स्टूडेंट्स के अनुसार 21 अगस्त 2021 से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ हुए थे। सात जनवरी तक रजिस्ट्रेशन ओपन करके एडमिशन करते रहे। इस बीच सात बार रजिस्ट्रेशन खोले गए। पांच माह तक प्रवेश प्रक्रिया चली। जनवरी के दूसरे सप्ताह में एडमिशन लेने वाले छात्रों को आंतरिक परीक्षा के लिए मुश्किल से दो से तीन सप्ताह मिले। अब यूनिवर्सिटी जुलाई से सम सेमेस्टर की परीक्षाएं कराने की तैयारी में है। ऐसे में कोर्स पूरा होने के चलते पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।
नहीं हुईं क्लासेज
स्टूडेंट्स लीडर अंकित अधाना ने इस संबंध में यूनिवर्सिटी व अन्य आलाधिकारियों को ट्वीट किया है। स्टूडेंट्स के अनुसार यूनिवर्सिटी स्तर पर विषम सेमेस्टर की परीक्षा के लिए फरवरी व मार्च में इंटरनल परीक्षा कराई गईं और अप्रैल में पेपर हो गए। अब अगले सेमेस्टर की इंटरनल परीक्षा भी होनी है। क्लासेज भी इन्हीं दो माह में होनी हैं। ऊपर से पेपर भी दो महीने के बाद होने हैं। ऐसे में पढ़ाई के लिए न तो समय दिया गया है। न ही क्लासेज दी गई है।
क्या होना चाहिए सॉल्यूशन
स्टूडेंट्स ने इसका सॉल्यूशन भी यूनिवर्सिटी को मेल किया है कि वो मेरिट सिस्टम पर डिपेंड रहेंगे तो सत्र लेट ही होगा। इसलिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन लिया जाए। स्टूडेंट्स के अनुसार सेमेस्टर एग्जाम न होकर ईयरली एग्जाम ही हों।
क्या कहते हैं स्टूडेंट्स
यूनिवर्सिटी में हर साल मेरिट से एडमिशन लेते हैं। मेरिट से एडमिशन लेने में चार से छह महीने बर्बाद हो जाते हैं। जबकि संयुक्त प्रवेश परीक्षा से समय बच सकता है।
पवित्र गुर्जर
सत्र लेट होने के कारण स्टूडेंट्स का ही नुकसान होता है। इस मुद्दे को हम लगातार उठा रहे हैं। यूनिवर्सिटी समिति कोई हल नहीं कर पा रही है।
रजत ठाकुर
यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स पर पेपर थोपने का काम कर रही है। जबकि पढ़ाना भी जरूरी है।
शाबान
हमारे हिसाब से पहले संयुक्त प्रवेश परीक्षा ली जाए। उसके हिसाब से यूनिवर्सिटी को कॉलेजों का आवंटन कर देना चाहिए, मेरिट सिस्टम से सबकुछ लेट होता है।
अंकित अधाना
वर्जन
जुलाई में परीक्षा प्रस्तावित की गई हैं। लेकिन, अभी विचार किया जा रहा है। जो भी हो स्टूडेंट्स के हित में होगा।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू