मेरठ (ब्यूरो)। वैसे तो अपने शहर को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, रैपिड और मेट्रो की सुविधा मिल चुकी है और आने वाले दिनों में यहां से हवाई यात्रा का इंतजाम भी हो जाएगा। मगर आज भी पुराने शहर की गलियों में मधुमक्खी की छत्ते सरीखे बिजली के तार लोगों के जी का जंजाल बने हुए हैैं। ये बिजली के तार कभी हादसे का सबब बनते हैैं तो कभी पावर कट का कारण, लेकिन अब इन सारी समस्याओं से निजात मिलने जा रही है। दरअसल, दो साल बाद शहर के अलग-अलग इलाकों को बिजली के तारों के जाल से मुक्ति दिलाने की पीवीवीएनएल की कवायद अब परवान चढ़ती नजर आ रही है। इसके लिए विभाग ने बकायदा 111 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव के तहत मेरठ के सभी पांचों डिवीजन के क्षेत्रों में करीब 900 किमी क्षेत्र में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। हालांकि इसके आदेश एमडी पावर ने अप्रैल में ही दे दिए थे।
जर्जर पोल, उलझे तार
पुराने शहर की तंग गलियों में बिजली के खंभों की हालत बहुत खराब है। ऐसी कोई गली या मोहल्ला नही है, जहां जर्जर या बिजली के तारों से उलझे बिजली के खंभे ना दिख जाएं। इन खंभोंं को देखकर यह लगता है कि किसी भी समय बिजली के तार टूट कर गिर सकता है। वहीं इससे भी बुरी स्थिति यह है कि शहर के अंदर संकरी गलियों में बने बिजली के खंभों पर सैकड़ों बिजली के तारों का जाल बुना हुआ है। इस जाल के कारण आए दिन बिजली के तारों में शार्ट सर्किट हो जाता है। इससे आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। बारिश में इन तारों के उलझे जाल के कारण पूरे खंभे में करंट उतर आता है।
बल्लियों के सहारे तार
वहीं, शहर के कई ऐसे इलाके भी हैं जहां रिहायशी इलाके के बीचों बीच घरों के ऊपर से 11 हजार वोल्ट की लाइन गुजर रही है। नीचे गलियों में बल्लियों पर एचटी लाइन गुजर रही है। वह भी किसी एक या दो गली में नही बल्कि पूरी पूरी कालोनी बल्लियों पर बिजली के तार से रोशन हो रही है। यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं पर बिजली विभाग की अनदेखी जारी है।
पुराने शहर को लाभ
ओपन लाइनें होने के कारण सबसे अधिक समस्या पुराने शहर की तंग गलियों में बनी रहती है। जहां हर बिजली के खंभों पर बिजली के सैकड़ों तार उलझे रहते हैं और आए दिन फॉल्ट होता रहता है। साथ इन क्षेत्रों में बिजली चोरी, लाइन लॉस, ओवर लोडिंग की समस्या बनी रहती है। बिजली के तारों के अंडर ग्राउंड होने से इन सभी समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
इन क्षेत्रों को मिलेगी राहत
रेलवे रोड, वेदव्यास पुरी, घंटाघर पत्थर कालोनी
श्याम नगर, लिसाड़ी रोड बिजली
पत्थर वालाना, अनाज मंडी, सर्राफा बाजार, नील गली
श्याम नगर, विकासपुरी
रामलीला ग्राउंड
हंस चौराहा सूरजकुंड
बिजली बंबा बाईपास से हापुड़ रोड
जाकिर कालोनी
कमेला नाला से ताला फैक्ट्री
किदवई नगर, अहमद नगर, बुनकर नगर
रजबन से गांधी बाग
सोफीपुर से मोदीपुरम
जैन नगर, आनंदपुरी वाली गली,
भूमिया पुल, फिरोज नगर
चंद्रलोक कालोनी, साबुन गोदाम
पत्ता मोहल्ला, कबाड़ी बाजार,
नीचा सद्दीक नगर
शास्त्रीनगर, जयदेवीनगर
किशनपुरी, दाल मंडी, पूर्वा महावीर
जनता नगर, किला रोड, नंगला भट्ट, गोकुल बाजार कंकरखेड़ा, सरधना रोड, कासमपुर
जवाहर नगर, सरस्वती विहार, शोभापुर, कृष्णा नगर, शीलकुंज
त्रिपुति एंक्लेव, विकास गार्डन, साकेत, सिटी, रुड़की रोड, सोफीपुर, अंसल
सिविल लाइन, विक्टोरिया पार्क, गोल कोटियार्ड, घोसी मोहल्ला पानी की टंकी
मार्केट, हाईडिल कालोनी, सदर, शीशे वाला जामुन मोहल्ला, बकरी मोहल्ला, तोपखाना
मैदा मोहल्ला, हडिया मोहल्ला, खटीक मोहल्ला से जगत सिनेमा
कांठ का पुल, बेगमपुल से पशुपालन विभाग वाले के सामने से फव्वारा चोक
अंबेडकर नगर से आरकेपुरम, फाजलपुर, शास्त्रीनगर के ब्लॉक, एल सेक्टर एक माधवपुरम, द्वारिकापुरी, सरस्वती लोक, माधवपुरम, शिव शक्ति नगर
सांसद राजेंद्र अग्रवाल के माध्यम से यह प्रस्ताव शासन को स्वीकृति के भेजा जा चुका है इस पर फाइनल स्वीकृति मिलने के बाद जल्द काम शुरू हो जाएगा।
राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता