मेरठ (ब्यूरो)। नगर निगम शहर की जनता को साफ पानी भी नहीं मुहैया करा पा रहा है। हालत यह है कि शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां ओवरहेड टैंक से गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। इस कारण लोग बीमार हो रहे हैं। इस बाबत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 'ये पानी हानिकारक है' नाम से एक सात दिवसीय कैंपेन की शुरूआत की। अभियना के तहत शहर के विभिन्न इलाकों में पानी की गुणवत्ता को चेक किया गया। इसमें कई चौकाने वाली बातें सामने आईं। जिसने सबसे ज्यादा चौंकाया, वह यह कि कई मोहल्लों में तो पानी में टीडीएस की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।

सोशल मीडिया पर कराया सर्वे
दरअसल, शहर में पानी की सप्लाई के लिए 157 से अधिक ओवरहेड टैंक हैं। इनकी साफ-सफाई न होने से गंदा पानी घरों में आता है। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर एक सर्वे भी कराया गया। इसमें करीब 200 लोगों ने भाग लिया। ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप के जरिए लोगों ने अपनी राय जाहिर की।

इन मोहल्लों में पीने के पानी की स्थिति खराब
प्रताप विहार
शिवशक्ति नगर
भोपाल विहार
जयभीम नगर
मलियाना
नई बस्ती
लल्लापुरा
मकबरा डिग्गी
मछेरान
जमुना नगर

क्या शहर में ओवरहेड टैंक की सफाई न होने से टीडीएस की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है?
हां- 90 फीसदी
नहीं- 5 फीसदी
पता नहीं- 5 फीसदी

क्या निगम की लापरवाही के कारण शहर की बस्तियों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है?
हां- 92 फीसदी
नहीं- 5 फीसदी
पता नहीं- 3 फीसदी

क्या ओवरहेड टैंकों की नियमित साफ-सफाई की जाती है?
नहीं- 86
हां- 10
पता नहीं- 4

शहर के 80 प्रतिशत मोहल्लों में पानी की क्वालिटी इस कदर खराब है कि बिना फिल्टर और आरओ के पानी को पीया ही नहीं जा सकता। बच्चों के लिए तो यह बेहद खतरनाक है।
परितोष गुप्ता

टीडीएस शहर के अधिकतर इलाकों के पानी का मानकों से अधिक है। हर किसी के बजट में आरओ आता नहीं है, ऐसे में टीडीएस वाली पानी ही पीना पड़ता है।
वंश सचदेव

पीने के लिए जिन क्षेत्रों में गंगाजल की सप्लाई हो रही है, वहां थोड़ी राहत है। कम से कम पानी पीने लायक है। मगर ओवरहेड टैंक के माध्यम से आने वाला पानी बेहद खराब है।
मुकुल रस्तोगी

शहर की मलिन बस्तियों में पेयजल की स्थिति और भी खराब है। यहां समस्या यह है कि यहां यहां पानी आता ही नहीं है और जो पानी आता है वो बेहद गंदा होता है।
हनी कपूर