मेरठ (ब्यूरो)। एक जून से नालों की सफाई के लिए नगर निगम द्वारा महाअभियान चलाया जा रहा है ये सब जानते हैैं। मगर यह कोई नहीं जानता कि नालों की सफाई के बाद नालों से निकाली गई सिल्ट का ढेर नालों के किनारे ही लगा दिया गया। ये सिल्ट पिछले चार दिन से रुक रुककर हो रही बारिश के कारण बहकर वापस नालों में पहुंच गई है। निगम की यही लापरवाही आने वाले दिनों में शहर में जलसभराव का कारण बनेगी।
एक नजर में
गौरतलब है कि शहर में 311 छोटे बड़े नाले हैं, इनमें 14 बड़े और 186 छोटे नाले शामिल हैं।
तीन प्रमुख नाले ओडियन, आबूनाला एक और आबूनाला दो शामिल हंै।
दिल्ली रोड, मोहनपुरी, कोटला, रुड़की रोड नाला, बच्चा पार्क जलीकोठी नाला प्रमुख छोटे नाले हैं।
127 के करीब नालियां शहर में हैं, जो सीधा नालों से जुड़ी हुई हैं।
महाअभियान हुआ फेल
शनिवार को हुई पहली बारिश में ही शहर के अधिकतर इलाकों में जलभराव हो गया। जिसका असर मंगलवार तक सड़कों पर दिखाई दिया। बारिश में जलभराव की समस्या न हो इसके लिए नगर निगम ने एक से 30 जून तक नालों की सफाई का महाअभियान जोरो शोरों से शुरू किया था। खुद मेयर ने शपथ लेने के बाद नालों की सफाई पहली प्राथमिकता बताई थी और रोजाना शाम को नालों की सफाई का औचक निरीक्षण शुरू किया था। मगर 28 दिन बाद भी नालों की हालत जस की तस बनी हुई है।
नहीं उठाई जा रही सिल्ट
पिछले 10 दिन से शहर के कई नालों की सिल्ट निकालकर नालों के किनारे रख दी गई लेकिन अभी तक उठाई नही गई है। नगर निगम द्वारा जहां-जहां नालों की सफाई की गई वहीं सिल्ट का ढेर नालों के किनारे लगा दिया गया। मगर बरसात के कारण यह सिल्ट बहकर वापस नालों में पहुंच गई है।
इन इलाकों में बदहाल स्थिति
भूमिया पुल, इस्लामबाद, मजीदनगर, सुभाषनगर, हनुमान पुरी, जागृति विहार, पिलोखड़ी पुल, घंटाघर, कोटला बाजार, खत्ता रोड आदि जगहों पर जगह जगह नाला कूड़े से अटने के कारण सड़कों पर पानी भर गया। जबकि नगर निगम का दावा है कि नाले की सफाई कराई जा चुकी है। भूमिया पुलिया से लेकर पिलोखड़ी पुल, कमेला पुलिया, ओडियन नाला में जगह जगह कूड़ा फेंका जा रहा है। जिस कारण से नाले से जलनिकासी पूरी तरह नही हो पा रही है। सुभाषनगर में जगह जगह नाला कूड़े से अटा हुआ है। जागृति विहार से लेकर एक्सटेंशन नाला, लोहियानगर से शास्त्रीनगर के ब्लॉक नाला सभी का हाल सिल्ट के कारण बदहाल है।
जलभराव को दूर करने के लिए नालों की सफाई का काम तेज गति से चल रहा है। नालों की सफाई का निरीक्षण स्वयं कर रही हैं। अधिकांश नालों की सफाई एक बार हो चुकी है। यदि सफाई में औपचारिकता बरती गई है तो संबंधित ठेका कंपनी का भुगतान रोक दिया जाएगा। नालों की सफाई के लिए पोकलेन मशीनें, जेसीबी व टै्रैक्टर लगे हुए हैं।
डॉ। हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी