हंसते-मुस्कुराते पहुंचे 6वीं से 8वीं तक स्टूडेंट्स, चेहरों पर दिखाई दी खुशी
खुले सभी बोर्ड के स्कूल, पहले दिन कम रही अटेंडेंस
Meerut। कई महीनों से स्कूलों में सूने पड़े प्ले ग्राउंड्स, खाली इमारतें, अक्षरों को तरसते ब्लैक बोर्ड मंगलवार को एकदम चहक उठे। छठी से आठवीं तक के स्टूडेंट्स जैसे ही चहल-कदमी करते हुए स्कूल पहुंचे तो ऐसा लगा मानों स्कूलों में जान पड़ गई है। दोस्तों संग मस्ती, खिलखिलाते, हंसते-मुस्कुराते स्कूल पहुंचे बच्चों के चेहरों पर स्कूल खुलने की खुशी साफ दिखाई दे रही थी। अधिकतर स्कूलों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। स्कूलों ने भी बच्चों के स्वागत के इंतजाम किए थे।
स्वागत के इंतजाम
2020-21 का सेशन खत्म होने के बाद पहली बार मंगलवार को नए सेशन के तहत स्कूल खुले। कोरोना संक्रमण की वजह से नया सेशन शुरू होने के करीब 5 महीने बाद स्टूडेंट्स स्कूल पहुंचे। इस दौरान कुछ स्कूलों ने बच्चों के स्वागत में फूल बरसाए, वहीं कुछ स्कूलों में तिलक लगाकर बच्चों का स्वागत किया। कुछ स्कूलों में बच्चों को गिफ्ट भी दिए। स्कूलों में बच्चों का रोली चंदन का तिलक से क्लासेज शुरू करवाई गई।
अटेंडेंस रही कम
पहले दिन स्कूलों में पहुचें बच्चों की संख्या काफी कम रही। सीबीएसई, यूपी बोर्ड के अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भी बहुत कम संख्या में स्टूडेंट्स पहुंचे। कहीं 20 प्रतिशत बच्चे पहुंचे तो कहीं अटेडेंस 50 प्रतिशत ही रही। सरकारी स्कूलों में आलम ये रहा है कि कई जगह दो या तीन स्टूडेंट्स ही स्कूल पहुंचे। हालांकि मंगलवार को जिले में पीईटी की परीक्षा होने की वजह से शहर के अधिकतर स्कूल मंगलवार को नहीं खुल पाए। ये स्कूल बुधवार को खुलेंगे।
गाइडलाइंस का हुआ पालन
स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कोविड-19 गाइडलाइन का पालन पूरी तरह से किया गया। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ थर्मल स्कैनिंग और सेनेटाइजर के साथ ही बच्चों को प्रवेश करवाया गया। क्लास के दौरान भी बच्चे मास्क में ही रहे। लंच टाइम के दौरान भी बच्चे क्लास में ही रहे। इस दौरान बच्चों को लंच भी शेयर नहीं करने दिया गया। टीचर्स ने लगातार बच्चों को कोविड-19 के नियमों के बारे में अवगत करवाते रहे।
शेयर किए एक्सपीरियंस
लॉकडाउन के बाद लंबे समय बाद ऑफलाइन मोड में स्कूल पहुंचे बच्चों ने एक-दूसरे से अपने एक्सपीरियंस शेयर किए। टीचर्स ने भी स्कूल में बच्चों के साथ इंट्ररेक्शन किया। सेशन के पहले दिन बच्चों को ट्रैक पर लाने की कोशिश की गई। लंबे वक्त बाद वापस स्कूल लौटे बच्चों के लिए माहौल को हल्का-फुल्का बनाकर रखा गया। स्कूलों में प्रिंसिपल्स ने भी क्लासेज में जाकर बच्चों से हाल-चाल जाना। बच्चों का हौंसला बढ़ाने और उन्हें रेग्यूलर स्कूल आने के लिए भी प्रेरित किया।
पेरेंट्स की सहमति नहीं
स्कूलों में कम आए बच्चों के चलते स्कूल संचालकों में थोड़ी निराशा रही। हालांकि उनका कहना है कि पेरेंट्स की पूरी सहमति मिलने के बाद ही बच्चों को बुलाया जाएगा। ऐसे बच्चे जो अभी स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनके लिए कुछ स्कूल कॉम्बो मोड में क्लासेज चला रहे हैं। स्कूल संचालकों का कहना है कि सभी पेरेंट्स अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। अधिकतर पेरेंट्स पहले माहौल देखना चाहते हैं। हालांकि कुछ पेरेंट्स ने स्कूल खुलने पर बेहद खुशी भी जाहिर की। लॉकडाउन के दौरान बच्चों का रूटीन बिगड़ चुका था। अब वह वापस ट्रैक पर आएंगे।
बच्चों के आने से स्कूल में रौनक लौट आई है। बहुत खुशी हो रही है। बच्चों की सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
राहुल केसरवानी, सहोदय, सचिव
स्कूल में बच्चों की सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा गया। लगातार मॉनिटरिंग की गई। कई महीनों बाद स्कूल गुलजार हुए हैं।
संजीव अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीएनजी पब्लिक स्कूल
स्कूल खोलने को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है। हालांकि अभी पेरेंट्स की सहमति काफी कम मिल रही है। पेरेंट्स बच्चों को लेकर काफी चिंतित हैं। पीईटी होने की वजह से स्कूल बुधवार को खुलेगा।
अनीता त्रिपाठी, प्रिंसिपल, सीवीपीएस
पेरेंट्स की सहमति काफी कम है। अधिकतर पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के प्रपोजल को रिफ्यूज कर रहे हैं। हालांकि हमारी तैयारियां पूरी हैं। एक ही शिफ्ट में रोटेशन में क्लासेज होंगी।
डॉ। अल्पना शर्मा, प्रिंसिपल, डीएवी