मेरठ (ब्यूरो)। सिटी रेलवे स्टेशन पर सफाई का टेंडर नवंबर 2019 में खत्म हो गया था। इस टेंडर के तहत सिटी व कैंट स्टेशन की साफ सफाई का ठेका तीन कंपनियों को दिया था। इसमें एपकॉन, अशोका और टेलीकॉन कंपनी शामिल थी। इनके कर्मचारी तीन शिफ्ट में स्टेशन पर सफाई का काम करते थे। सफाई के लिए कंपनी ने अपने करीब 70 सफाई कर्मचारियों को स्टेशन पर साफ-सफाई के लिए लगाया हुआ था। लेकिन नवंबर 2019 माह में कंपनी का टेंडर खत्म हो गया। जो मार्च 2020 तक फाइनल होना था लेकिन मार्च में कोरोना के कारण ट्रेनों का संचालन रद हो गया। इससे टेंडर प्रक्रिया भी अधर में अटक गई थी।

कम मैन पावर
स्टेशन पर साफ-सफाई के लिए दिल्ली मुख्यालय से हाईटेक इलेक्ट्रिक स्वैपिंग मशीन और मोबिंग मशीन आ चुकी है। इन मशीनों से कम मैन पावर और कम समय में बेहतर सफाई की जाएगी। इसके लिए छह मशीन स्टेशन को मिली है। यह बिजली से चार्ज होकर पूरे स्टेशन परिसर के सभी प्लेटफार्म समेत टिकट काउंटर, मेन परिसर आदि की सफाई करेगी।

मात्र 30 कर्मचारी
टेंडर न होने के कारण रेलवे स्टेशन की सफाई का जिम्मा लोकल प्रबंधन के पास है। इसके तहत 70 कर्मचारियों की व्यवस्था के स्थान पर मात्र 30 कर्मचारी ही पूरे सिटी स्टेशन पर साफ-सफाई के लिए लगाए गए हैं। इन पर पांचों प्लेटफार्म, रेलवे ट्रैक, आरक्षण काउंटर परिसर, कार्यालय से लेकर बाहर मुख्य परिसर तक की सफाई का जिम्मा है।

मुख्यालय स्तर पर नई कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। मशीनें भी आ चुकी हैं लेकिन उनकी चार्जिंग के लिए पावर कनेक्शन का काम अभी बाकी है। यह मशीन हाईटेक हैं इसलिए इनको चलाने के लिए कम स्टाफ की जरूरत है।
आरपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक